टेलीविजन की मशहूर अभिनेत्री मौली गांगुली एण्डटीवी के पौराणिक शो ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया का किरदार निभाती नजर आयेंगी. एक इंटरव्यू के दौरान मौली ने अपने किरदार और शो के साथ जुड़ने के रोमांच के बारे में बात की. प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के कुछ प्रमुख अंशः
1. आप एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया की भूमिका निभा रही हैं, हमें अपने किरदार के बारे में कुछ बतायें?
मैं ‘बाल शिव' में महासती अनुसुइया बनी हूं. अनुसुइया में करूणा और दृढ़ संकल्प का उचित संतुलन है. उनका विवाह एक ज्ञानी संत ऋषि अत्री से हुआ है और ये दोनों ही एक-दूसरे की सराहना, प्रेम और सम्मान करते हैं. अनुसुइया एक वेदिक गुरूकुल की प्रमुख हैं, जहां पर सभी देव और देव पुत्र अध्ययन करते हैं और एकसाथ रहते हैं. वह गुरूकुल और यहां के बच्चों की देखभाल अपनी संतान की तरह करती है. वह उन्हें शिक्षा देती हैं और अनुशासन सिखाती हैं. अपने पति में अपने अटूट विश्वास और समर्पण से उन्हें महासती का दर्जा मिला है.
2. आपको यह भूमिका कैसे मिली?
एण्डटीवी (And TV) के ‘बाल शिव' में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाना मेरे लिए यह काफी सम्मानजनक है. इस शो की टीम पहले भी भगवान शिव पर एक सफल शो बना चुकी है और यह मेरी पसंदीदा टीम है. जब मुझसे महासती अनुसुइया की भूमिका निभाने के लिये पूछा गया तो, मैंने फौरन हां कह दिया, क्योंकि एक कलाकार के लिए यह बहुत अच्छी तरह से तैयार किया गया रोल है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे भगवान शिव से बेहद लगाव है. इसलिए इस रोल के साथ मैंने भावनात्मक और आध्यात्मिक जुड़ाव महसूस किया. मुझे इस शो में पूरा विश्वास है और वाकई उम्मीद है कि यह शो दर्शकों को पसंद आएगा. इसके साथ ही अनुसुइया का किरदार भी बहुत महत्वपूर्ण और मजबूत है और साथ ही एक कलाकार के रूप में यह मेरे लिए इस तरह की दमदार भूमिका निभाने का एक बेहतरीन मौका भी है. मैंने अपने करियर में कई तरह की भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन यह रोल वाकई में सबसे अलग है. यह रोल एक पुरस्कार और एक बड़ी जिम्मेदारी है और मैं इस शो के प्रसारण का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं.
3. आप इस किरदार में खुद को ढालने के लिए कोई खास तैयारियां भी की हैं ?
हमारे पास एक रिसर्च टीम है, जो हमें विभिन्न किरदारों की बारीकियों को समझने और उसके अनुसार खुद को ढ़ालने में मदद करती है. हमारे पास बेहतरीन क्रिएटिव टीम और डायरेक्टर हैं. इसके अलावा हमने खुद को तैयार करने के लिए कई वर्कशॉप्स भी किए हैं. हमने हर तरह की तैयारी है, जैसे कि एक्सप्रेशन्स, बॉडी लैंग्वेज, बोलने के सही तरीके, डायलॉग डिलीवरी, आवाज में उतार चढ़ाव, लुक टेस्ट, कॉस्ट्यूम ट्रायल्स और बाकी की सभी चीजें, ताकि कोई कसर न रह जाए. बाल शिव मेरा दूसरा पौराणिक शो है और माइथोलॉजी दूसरे जोनर्स से बहुत अलग होता है. इसमें हर किरदार को जीवंत बनाने के लिए काफी रिसर्च और तैयारियां की जाती हैं. बेशक इस तरह के गंभीर और पावन किरदार को निभाने के दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला है.
4. माइथोलॉजी बेहद मजबूत महिला किरदारों को प्रदर्शित करती है. आपकी इस बारे में क्या राय है ?
भारतीय माइथोलॉजी में, महिलाओं की भूमिका वाकई में महत्वपूर्ण है. उनके दमदार किरदारों की कई कहानियां हैं और वह एक अतुलनीय अभिभावक और अपने बच्चों की सबसे अच्छी दोस्त की विभिन्न भूमिकायें निभाती रहीं हैं. मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे पर्दे पर एक ऐसे किरदार को निभाने का मौका मिला. महासती अनुसुइया के रूप में मुझे अपने पुत्र बाल शिव का मार्गदर्शन करने और सर्वश्रेष्ठ ज्ञान देने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, इस किरदार से मुझे अनुसुइया के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को एक्सप्लोर करने और उन्हें दर्शाने का भी एक बेहतरीन मौका मिल रहा है. वह ऋषि अत्री की निष्ठावान और समर्पित पत्नी है और गुरूकुल में बाल शिव और अपने दूसरे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करती हैं.
5. इस शो से आपकी क्या अपेक्षायें हैं.
महासती अनुसुइया की भूमिका लाभप्रद होने के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. इसकी शूटिंग बहुत अच्छी चल रही है. हम लगातार शूटिंग कर रहे हैं, ताकि ढेर सारे एपिसोड्स तैयार करके रख सकें. हम सभी इसके लिए काफी एक्साइटेड हैं और इस शो का प्रसारण शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जैसा कि मैं पहले बता चुकी हूं, हमारे दर्शकों को इसमें काफी रोमांच देखने को मिलेगा और ‘बाल शिव‘ में उन्हें कई दिलचस्प बातें पता चलेंगी. इसलिए, मुझे पूरा भरोसा है कि उन्हें इसका बेसब्री से इंतजार होगा. मुझे विश्वास है कि इस शो का कॉन्सेप्ट हमारे दर्शकों के साथ जुड़ाव बनायेगा और वे हमारे काम की प्रशंसा करेंगे. हमें उम्मीद है कि दर्शकों को यह शो पसंद आयेगा.
6. आप पिछले कुछ समय से टेलीविजन पर नजर नहीं आईं इस गैप के दौरान आपने क्या किया?
लॉकडाउन हुआ और हमारी प्राथमिकतायें बदल गईं. इस बीच मैंने एक वेब शोज किए. मुझे ओटीटी प्लेटफॉम्स पर ज्यादा दमदार किरदारों को निभाकर अच्छा लगा और इसके कंटेंट्स एक दर्शक के रूप में मुझे अच्छे लगते हैं. इन किरदारों ने मेरे अंदर के कलाकार को चुनौती दी और इनसे खुद को और भी बेहतर बनाने में मुझे मदद मिली.
7. क्या यह आपको दूसरा माइथोलॉजिकल शो है इस जोनर में आपको क्या अच्छा लगता है?
जोनर के रूप में माइथोलॉजिकल शोज बहुत चुनौतीपूर्ण होते हैं. इसकी भाषा, कॉस्ट्यूम्स सभी चुनौतीपूर्ण होते है. यह कभी भी एक व्यक्ति का शो नहीं होता. इस शो को बनाने में काफी बड़ी टीम लगती है. एक कलाकार के रूप में, मुझे चुनौतियां पसंद हैं, क्योंकि इससे मुझे अपने अभिनय कौशल को निखारने में मदद मिलती है. माइथोलॉजिकल शोज में हर चीज अलग होती है, भाषा से लेकर बॉडी जेस्चर्स और कैरेक्टर के फील तक और किरदार में ढलने के लिये काफी होमवर्क करने की जरूरत होती है. यह रोमांचक, उत्साहवर्द्धक और साथ ही जादुई अनुभव होता है. ‘बाल शिव‘ एक अनूठा शो है और यह कलाकारों और दर्शकों दोनों के लिये एक बेहतर अनुभव होने वाला है.
मौली गांगुली को महासती अनुसुइया के रूप में देखिये ‘बाल शिव‘ में 23 नवंबर से रात 8:00 बजे हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी (And TV) पर