रियलिटी शो राइज एंड फॉल (Rise and Fall) का ड्रामा इस हफ्ते और भी गरमा गया है. वर्कर्स और रूलर्स की टीमों के बीच बंटवारे ने आग में घी डालने का काम किया. इसी बीच कॉमेडियन किकू शारदा ने अरबाज पटेल पर तंज कसते हुए कहा—“बस लड़ने आया है.” यह बयान दर्शकों और शो के अंदरूनी हलकों में खूब सुर्खियों में रहा. जहां शो का असली मज़ा टकराव और स्ट्रैटेजी में है, वहीं बहुतों का मानना है कि किकू का यह अचानक बयान सिर्फ गेम स्पिरिट में नहीं था, बल्कि अरबाज़ को छोटा दिखाने की कोशिश थी. इंडस्ट्री में सीनियर और मशहूर चेहरा होने के नाते किकू ने जैसे अपने ओहदे का इस्तेमाल करके नए कलाकारों जैसे अरबाज पटेल को नीचा दिखाना चाहा.
उनकी यह सोच दिखाती है कि वे शायद रियलिटी शो के उस असली मायने को नहीं समझ पाए हैं—जहाँ हर कंटेस्टेंट, चाहे नया हो या पुराना, बराबरी पर खेलता है. दिलचस्प बात यह रही कि किकू का ताना उस वक्त आया, जब अरबाज़, जो अपनी तेज़, साफ़ और निडर शख्सियत के लिए जाने जाते हैं, शो में अपने विचार जोरदार तरीके से रख रहे थे. सराहना करने की बजाय, किकू ने उनकी बात को पलटकर उन पर ही हमला कर दिया, जिससे उनकी असुरक्षा साफ झलक गई.
वहीं दूसरी ओर, कंटेस्टेंट पवन सिंह और धनाश्री ने पत्रकार नयनदीप रक्षित से बातचीत में बिल्कुल अलग तस्वीर पेश की. दोनों ने अरबाज पटेल की तारीफ करते हुए उन्हें सच्चा जेंटलमैन बताया और कहा कि राइज एंड फॉल के हंगामे के बीच भी वे बेहद ज़मीन से जुड़े और विनम्र इंसान हैं. उनके शब्द इस हफ़्ते की बहसों के बीच खास मायने रखते हैं, यह दिखाते हुए कि इज़्ज़त और पहचान बेवजह के तंज से कहीं ज़्यादा अहम हैं.
जैसे-जैसे राइज़ एंड फॉल की लोकप्रियता बढ़ रही है, वैसे-वैसे कंटेस्टेंट्स के बीच का समीकरण भी अहंकार, असुरक्षा और सच्ची दोस्ती का आईना बनता जा रहा है.