KBC 13: दिव्यांग महिला हिमानी बुंदेला ने जीते 1 करोड़, अब 7 करोड़ के सवाल के लिए खेलेंगी

KBC 13: केबीसी में 1 करोड़ रुपए के सवाल का सही जवाब देने के बाद, हिमानी 7 करोड़ रुपयों के सवाल का जवाब देती नजर आएंगी.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
हिमानी 7 करोड़ रुपयों के सवाल का जवाब देती नजर आएंगी
नई दिल्ली:

KBC 13: "जीतने वाला कोई अलग काम नहीं करता, वो हर काम को अलग तरीके से करता है..." ये शब्द थे आगरा की एक दृष्टिहीन प्रतियोगी हिमानी बुंदेला के, जिन्होंने हॉट सीट पर अपनी केबीसी (KBC 13) यात्रा शुरू की. उत्साही स्वभाव की हिमानी एक शिक्षिका हैं, जो प्राइमरी स्कूल के छात्रों के लिए गणित की क्लास को एक मजेदार क्लास बनाने में जुटी रहती हैं. वे अपने छात्रों की सबसे पसंदीदा शिक्षिका हैं, क्योंकि वो मेंटल मैथ्स को 'मैथ्स मैजिक' कहकर सीखने का अनुभव खास बना देती हैं. जैसे ही उनकी केबीसी यात्रा 30 और 31 अगस्त को शुरू होगी, वो श्री बच्चन को मेंटल मैथ्स की कुछ ट्रिक्स भी सिखाती नजर आएंगी, जिन्होंने इसकी बहुत सराहना की.

साल 2011 में, हिमानी एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की शिकार हो गई थीं, जिसके कारण उनकी दृष्टि धुंधली हो गई. कई ऑपरेशन के बाद भी डॉक्टर उनकी आंखों की रोशनी नहीं बचा सके. एक दर्दनाक अनुभव का सामना करने के बावजूद हिमानी ने अपनी उम्मीदों को गुम नहीं होने दिया और वक्त के साथ, अपनी जिंदगी अपने जुनून के लिए समर्पित कर दी. वो बच्चों को ये सिखा रही हैं और इस बारे में जागरूक बना रही हैं कि विशेष जरूरत वाले लोगों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. हिमानी खुश रहने और खुशियां फैलाने में दृढ़ विश्वास रखती हैं. हिमानी ने केबीसी में कुछ ये कहा, "यूं तो जिंदगी सब काट लेते हैं यहां, मगर जिंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए!" वो वाकई अपनी बातों पर खरी उतरीं और वो इस शो में छा गईं.

Advertisement

हिमानी बड़े ध्यान से और बहुत सटीकता के साथ कंप्यूटर जी द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देती नजर आएंगी और अपने उत्साह और सकारात्मक रुख से सभी को आकर्षित करेंगी! एक करोड़ के सवाल का सफलतापूर्वक जवाब देने के बाद, वो उसी उत्साह के साथ 7 करोड़ के सवाल का जवाब देने का प्रयास करती नजर आएंगी.

Advertisement

हिमानी ने कहा, "कौन बनेगा करोड़पति में आना और श्री बच्चन से मिलना हमेशा से एक सपना रहा है और मुझे खुशी है कि मैं इसे पूरा कर पाई. श्री बच्चन ने मुझे शो के सेट पर इतना सहज महसूस कराया कि मुझे बिल्कुल भी घबराहट नहीं हुई. दुर्घटना के बाद से मेरा जीवन आसान नहीं रहा है. हममें से बहुतों को, खास तौर पर मेरे माता-पिता, मेरे भाइयों और बहनों को अपनी रोजी रोटी वापस पाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. एक दृष्टिहीन महिला होने के नाते, मुझे उम्मीद है कि केबीसी में मेरा आना, मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत-सी आशाएं लेकर आएगा. विशेष जरूरत वाले बहुत-से विद्यार्थियों को स्कूलों और कॉलेजों में तो एडमिशन मिल जाता है, लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग अकादमियां नहीं हैं, जो किसी भी प्रकार के दिव्यांग छात्रों को प्रवेश देती हैं. मैंने जो पैसा जीता है, उससे मैं एक कोचिंग अकादमी खोलना चाहती हूं जो 'दिव्यांग' बच्चों को सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित करती है."

Advertisement
Featured Video Of The Day
Gadgets 360 With Technical Guruji: iOS और Android पर कम ब्लूटूथ वॉल्यूम को कैसे ठीक करें? सीखिए
Topics mentioned in this article