दूरदर्शन (Doordarshan) का अपना एक दौर था. सब कुछ बहुत ही ठहरा हुआ, सुलझा हुआ और जीवन से जुड़ा हुआ. ना तो उसमें कोई भाग दौड़ थी, और ना ही किसी तरह का शोर. चाहे फिर वो समाचार हों या फिर सीरियल या कहें विज्ञापन. दूरदर्शन के समाचार, दूरदर्शन के सीरियल, दूरदर्शन के धार्मिक धारावाहिक या फिर बच्चों के धारावाहिक, सब कुछ बहुत ही कमाल था. उनसे कुछ ऐसी यादें जुड़ी थीं कि जो जेहन में आज भी जिंदा हैं और जिन्हें देखने के बाद एक अलग ही दुनिया सामने आ जाती है. यही नहीं, दूरदर्शन के विज्ञापनों की भी खास बात रही है. आइए जनते हैं भारत के पहले टेलीविजन विज्ञापन के बारे में.
भारत का पहला टेलीविजन विज्ञापन पहली जनवरी 1976 को प्रसारित हुआ था. ये दूरदर्शन का दौर था और इस तरह टीवी पर विज्ञापनों का आगाज हुआ. ये विज्ञापन ग्वालियर शूटिंग्स का बताया जाता है. इस विज्ञापन के बाद भारत में विज्ञापनों की पूरी दुनिया दी बदल गई. यही नहीं, 1982 में जब टीवी रंगीन हो गया तो उस समय पहला रंगीन विज्ञापन बॉम्बे डाइंग का था.
दूरदर्शन की स्थापना 15 सितंबर, 1959 में की गई में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने की थी. कृषि दर्शन दूरदर्शन का सबसे लंबे समय तक चलने वाला प्रोग्राम रहा है जिसका शुरुआत 26 जनवरी, 1967 की हुई थी. 1982 में दूरदर्शन भारत का नेशनल ब्रॉडकास्टर बन गया. 1982 में भारत में कलर टेलीविजन का आगाज हुआ. यही नहीं, 1982 के दिल्ली में हुए एशियन गेम्स के दौरान प्रसारण को रंगीन कर दिया गया. इस तरह दूरदर्शन का समय के साथ विकास होता चला गया.