Devoleena Bhattacharjee ने गाया असमिया गीत, बोलीं- भाषा नहीं भी आती तो गीत को महसूस करें...

टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें देवोलीना असमिया संस्कृति के प्रतीक स्वर्गीय ज्योति प्रसाद द्वारा रचित अमारे जोखिया को दिल से गाती हुई नजर आ रही है. 

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देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने गाया गाना
नई दिल्ली:

आज की दौड़ती भागती जिन्दगी में कभी-कभी लगता है कि हम अपनी जड़ों से बहुत दूर आ चुके है. आज भी लगता है कि वो बचपन ही ज्यादा अच्छा था. तब हम अपनी संस्कृति को समझते थे, और दूसरों को उसके बारे में बताते थे. वक्त के साथ सब कुछ पीछे छूट जाता है और यादें ही साथ रह जाती है. वहीं प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर और 'साथ निभाना साथिया' में गोपी का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें देवोलीना असमिया संस्कृति के प्रतीक स्वर्गीय ज्योति प्रसाद अग्रवाल के द्वारा रचित ज्योति संगीत 'अमारे ज़ोखिया' को दिल से गाने की कोशिश कर रही है. इस गाने के साथ कैप्शन में देवोलीना ने लिखा है कि, 'मैं जानती हूं कि आप में से बहुत से इस भाषा को नहीं समझ पाएंगे लेकिन इसे समझने की नहीं महसूस करने की कोशिश करें'. 

टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में शिद्दत के साथ ज्योति संगीत 'अमारे जोखिया' को गाते हुए नजर आ रही है. इस वीडियो को देखकर लगा रहा है यह गाना उनके दिल के बेहद करीब है. देवोलीना ने कैप्शन में लिखा है कि 'अपने बचपन की यादों को फिर से बनाना और याद करना. यह मेरा गौरव है कि मैं अभी भी अपनी परंपरा और संस्कृति से जुड़ी हुई महसूस करती हूं. इसने सचमुच मुझे इतना जीवंत और खुश महसूस कराया कि इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता'. कई फैन्स ऐसे भी जो इस गाने की भाषा और बोल को नहीं समझ पा रहे होंगे, उनके लिए देवालिना ने लिखा है 'गाने की भाषा नहीं भाव को महसूस करने की कोशिश करें.

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स्वर्गीय ज्योति प्रसाद जी को असमिया संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. उनकी पुण्यतिथि (17 जनवरी) को शिल्पी दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वर्गीय ज्योति प्रसाद अग्रवाल को असमिया फिल्मों का संस्थापक भी माना जाता है. उनके निर्देशन में साल 1935 में असमिया क्लासिक फिल्म जॉयमोती रिलीज हुई थी.

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