महाभारत के भीष्म पीतामह ने बताया 37 साल बाद कहां हैं शो की पूरी कास्ट, मुकेश खन्ना बोले- हम एक परिवार...

शक्तिमान के रोल में फेमस हुए मुकेश खन्ना को 'महाभारत' में भीष्म पितामह के किरदार के लिए भी जाना जाता है.

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Bhishma Pitamah of Mahabharata: महाभारत के भीष्म पीितामह के रोल में नजर आ चुके हैं मुकेश खन्ना
नई दिल्ली:

मुकेश खन्ना को फेमस टीवी शो 'शक्तिमान' के लिए याद किया जाता है. इसके अलावा उन्होंने 'महाभारत' में भीष्म पितामह का रोल प्ले कर सबका दिल जीता था. उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत में हाल ही में रिलीज हुए गाने को लेकर बात की. यहां उन्होंने टीवी सीरियल 'महाभारत' के बारे में कुछ खास इनपुट शेयर किए. जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अभी भी 'महाभारत' की कास्ट के साथ टच में हैं, तो उन्होंने कहा, "हम एक परिवार की तरह रहते थे, हम करीब 2 साल तक साथ थे. अभी भी सभी के साथ मेरे अच्छे रिलेशन हैं. लेकिन, हम अभी मिलते नहीं हैं, क्योंकि सभी लोग अपने अपने काम में व्यस्त हैं, लेकिन हम फोन पर बातें करते हैं."

एक्टर-डायरेक्टर मुकेश खन्ना ने कहा, "कुछ फंक्शन में हम साथ आते हैं, मगर दो लोग यहां से जा चुके हैं. गिरिजा शंकर जो अमेरिका चले गए हैं, वो अभी उन्हें मैसेज करते हैं. ऐसे में हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं."

इससे पहले मुकेश खन्ना ने शाहरुख खान को उनकी फिल्म 'जवान' के लिए मिले राष्ट्रीय पुरस्कार पर उठे सवालों पर प्रतिक्रिया दी थी. साउथ की अभिनेत्री उर्वशी ने शाहरुख खान को राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने पर सवाल उठाए और जूरी के फैसले की निष्पक्षता पर संदेह जताया.उर्वशी ने सवाल किया कि शाहरुख खान को राष्ट्रीय पुरस्कार के तौर पर चुनने के लिए कौन से मापदंड अपनाए गए? मुकेश खन्ना ने इस बारे में अपनी राय रखते हुए आईएएनएस से कहा कि यह पुरस्कार किसी अभिनेता के पूरे करियर को सम्मानित करने के रूप में दिया जाता है, और शाहरुख खान को 40 साल के अपने फिल्मी सफर के बाद यह सम्मान मिलना पूरी तरह से उचित है.

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "जो लोग कह रहे हैं कि शाहरुख खान को इस फिल्म के लिए नहीं, बल्कि 'स्वदेश' के लिए पुरस्कार मिलना चाहिए था. उन्हें यह समझना चाहिए कि किसी भी बड़े कलाकार के पूरे करियर को एक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है."

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "जैसे ए.आर. रहमान को 'जय हो' के लिए ऑस्कर मिला, तो क्या किसी ने यह सवाल किया कि उन्हें पहले के शानदार संगीत के लिए क्यों नहीं यह सम्मान मिला?" उनका कहना है कि पुरस्कारों का मूल्यांकन हमेशा एक कलाकार के पूरे योगदान और उसकी कड़ी मेहनत को देखते हुए किया जाता है, न कि किसी एक फिल्म के आधार पर.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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