बिग बॉस समय के साथ अपनी पहचान खोता जा रहा है. कई बार वह ऐसे कंटेस्टेंट चुनता है जो या तो जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाते या फिर वह शो में कोई दिलचस्पी भी नहीं दिखाते. गेम के नाम पर शो एक ढर्रे पर जाता जा रहा है. फिर हर बार के विजेताओं के लिए कुछ ऐसा नाम सामने आते हैं जिनका शो में योगदान ना के बराबर होता है या फिर वह ऐसी इमेज पेश करते हैं जो किसी को पसंद नहीं आती, वो फिर भी शो के विजेता बन जाते हैं. ऐसा कुछ पिछले जो साल से देखने को मिल रहा है. जहां बिग बॉस 16 को एमसी स्टैन ने जीता था जो शो में कुछ नहीं कर पाए थे. उनके कुछ पसंदीदा काम थे: सिर्फ साजिद खान के पीछे लगना और टास्क के समय कन्नी काट जाना. बात-बात पर प्रिंयका चाहर को गालियां देना. फिर भी वो शो का विजेता बने और इसे लेकर कई सवाल उठे थे. अब मुनव्वर फारूकी का बिग बॉस 17 का विनर बनना भी बहुत ही स्वाभाविक जान पड़ता है. कुछ ऐसा जिसकी धमक शो के पहले दिन से ही सुनाई दे रही थी.
बिग बॉस 17 में मुनव्वर फारूकी पूरे शो के दौरान सिर्फ अपने अफेयर्स की वजह से सुर्खियों में रहे. पहले उन्होंने मन्नारा के साथ दोस्त बढ़ाई फिर. जैसे ही आयशा घर में आईं तो उनकी सार कलई खुल गई और उन पर वूमानाइजर होने का आरोप लगा.लेकिन दिलचस्प यह रहा कि शो के शुरू से लेकर आखिर तक बिग बॉस का मुनव्वर को लेकर नरम रवैया रहा. हर बार उनकी राय ली जाती और शुरू से ऐसा ही इशारा मिल रहा था कि यह शो पूरी तरह से उन्हीं की जीत की ओर ले जाया जा रहा है. वैसे भी अंकिता लोखंडे का फ्लॉप गेम भी इस शो की सबसे बड़ी खामी रही.
Big Boss 17 को इस बात से याद किया जाएगा कि इस शो को देखकर पहले दिन से ही कहा जा सकता था कि विजेता कौन होगा. इसका इशारा ना सिर्फ मुनव्वर फारूकी के अंदाज से ही मिल रहा था, बल्कि सलमान खान के उनको लेकर रवैये और निर्माताओं ने जिस तरह से उन्हें पूरी छूट दी, उससे भी यह इशारा साफ मिल जाता था. कुल मिलाकर एक बार फिर बिग बॉस के विनर के नाम ने इसके हार्डकौर फैन्स को जोर का झटका दिया है. फिर उस दौर में जब सुनील शेट्टी (एक्शन फिल्में करने वाले एक्टर) डांस शो डांस दीवाने को जज कर सकते हैं तो ऐसे में मुनव्वर फारूकी को बिग बॉस जीतना देखते हुए यही कहा जा सकता है कि भारतीय टेलीविजन के कैसे दिन आ गए हैं.