मुंबई में बनी अयोध्या, हर एपिसोड ने की चार गुना कमाई, सबसे ज्यादा देखे जाने का रिकॉर्ड, रामायण से जुड़े 10 रिकॉर्ड

दूरदर्शन पर जब रामायण का प्रसारण हुआ तो सारे रिकॉर्ड टूट गए और ढेरों नए रिकॉर्ड बन गए. ये रिकॉर्ड प्रोड्यूसर के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं थे. जाने रामानंद सागर की रामायण से जुड़े 10 रिकॉर्ड.

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दूरदर्शन की रामायण ने बनाए ये 10 रिकॉर्ड
नई दिल्ली:

दूरदर्शन पर अस्सी के दशक में प्रसारित हुए रामायण को भूल पाना आसान नहीं है. इस सीरियल ने कई कीर्तिमान रचे हैं. पहला रिकॉर्ड तो यही है कि उस दौर में ये युग रचा गया जब वीएफएक्स का दौर शुरू भी नहीं हुआ था. क्या आपने कभी सोचा कि शो में नजर आने वाले नदी पहाड़, उन्हें लांघ कर उड़ान भरते हुए हनुमानजी और भीषण युद्ध के शॉट्स उस वक्त कैसे शूट किए गए होंगे. रामानंद सागर की उस रामायण से सिर्फ शूट करने के तरीके ही नहीं और भी दिलचस्प तथ्य जुड़े हैं. रामायण तो आपने बहुत बार देखी सुनी होगी. अब जानिए उससे रामानंद सागर की रामायण से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स.

1. रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ था, साल 1987 से 1988 के बीच. उस वक्त इसे 55 अलग अलग देशों में टेलीकास्ट किया गया था. रिपोर्ट्स की मानें तो उस वक्त रामायण सीरियल को  65 करोड़ लोगों ने देखा था.

2. रामायण के एक एपिसोड को बनाने में मेकर्स करीब 9 लाख रु. बजट खर्च करते थे. इसकी कमाई की बात करें तो औसतन हर एपिसोड ने 40 लाख रु. कमाए. जो लागत के चार गुना से भी ज्यादा हैं.

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3. रामायण में युद्ध के भी बहुत से सीन हैं. जिन्हें शूट करने के लिए बहुत सी जुगाड़ भी की गई. तब कंप्यूटर या वीएफएक्स मशीन ज्यादा नहीं थी. सीन शूट करने के लिए कागज के पहाड़ या नदी या ग्रह के चित्र लैंस के आगे रखे जाते थे. कोहरा दिखाने के लिए लैंस के आगे अगरबत्ती जलाई जाती थी.

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4. एक योद्धा के पास से छूटते तीर और युद्ध के सीन फिल्माने के लिए SEG 2000 नाम की मशीन का उपयोग किया गया था.

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5. उस दौर में करीब 45 मिनट तक प्रसारित होने वाला सबसे पहला सीरियल रामायण ही था. जिसके लिए ये तक कहा जाता है कि इसे देखने के लिए लोग इतने बेताब थे कि सड़कें और गलियां भी सुनसान हो जाती थीं.

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6. कोरोना में लगे लॉक डाउन के दौरान एक बार फिर रामायण का प्रसारण हुआ था. इस दरम्यान 16 अप्रैल 2020 को प्रसारित एपिसोड को 7.7 करोड़ लोगों ने देखा और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया.

7. जून 2003 में रामायण को दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले माइथोलॉजिकल सीरियल के तौर पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.

8. भगवान राम की अयोध्या का सेट मुंबई के नजदीक स्थित उमरगांव में लगाया गया था.

9. रामायण की शूटिंग के लिए कलाकार लोकेशन पर ही रुका करते थे. अगर कभी कोई कलाकार कम पड़ता तो गांव में मुनादी करवा दी जाती. जिसे सुनकर लोग वहां रोल करने पहुंच जाते. त्रिजटा का रोल करने वाली कलाकार भी इसी तरह मिली थी.

10. भगवान शंकर से कहानी सुनने वाले कौए का सीन शूट करने के लिए चार कौए बुलवाए गए, उसमें से तीन उड़ गए. आखिरी बचे कौए के सामने खुद रामानंद सागर हाथ जोड़कर खड़े हो गए. आश्चर्य की बात ये थी कि इसके बाद कौवा उड़ा नहीं. और, शूट पूरा होने तक वहीं रुका रहा.

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