इस टीवी शो से लॉन्च हुए थे 350 एक्टर्स, पीएम के आइडिया ने बदली टेलीविजन की तस्वीर, कास्ट में शामिल थे एक हजार कलाकार 

साल 1988 में दूरदर्शन पर एक ऐसा टीवी शो शुरू हुआ जिसने न सिर्फ भारतीय दर्शकों को उनके देश के इतिहास से गहराई से जोड़ा, बल्कि एक्टिंग की दुनिया में भी कई नए चेहरों को पहचान दिलाई.

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इस शो से 350 सितारों ने किया था डेब्यू
नई दिल्ली:

साल 1988 में दूरदर्शन पर एक ऐसा टीवी शो शुरू हुआ जिसने न सिर्फ भारतीय दर्शकों को उनके देश के इतिहास से गहराई से जोड़ा, बल्कि एक्टिंग की दुनिया में भी कई नए चेहरों को पहचान दिलाई. इस ऐतिहासिक धारावाहिक का नाम था ‘भारत एक खोज', जिसे मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल ने बनाया था. यह सीरियल पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रसिद्ध किताब The Discovery of India पर आधारित था. ‘भारत एक खोज' की शुरुआत एक खास आइडिया से हुई थी, जो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्याम बेनेगल को दिया था. 

उनका मानना था कि जैसे ‘रामायण' और ‘महाभारत' जैसे दो ऐतिहासिक शो देशभर में लोकप्रिय हो चुके थे, वैसे ही भारत के वास्तविक इतिहास को लेकर भी एक धारावाहिक बनाया जाना चाहिए. श्याम बेनेगल ने इस सुझाव को तुरंत स्वीकार कर लिया और फिर शुरू हुई इस प्रोजेक्ट की गहरी रिसर्च और मजबूत प्लानिंग. इस शो की स्क्रिप्टिंग में करीब 25 लेखकों और 35 इतिहासकारों की टीम ने योगदान दिया. इसका मकसद था कि हर एपिसोड तथ्यों पर आधारित हो और कोई गलती न हो. स्क्रिप्ट का लेखन शमा जैदी की अगुआई में हुआ और शो को तैयार करने में लगभग 11 महीने और 17 दिन लगे.

350 एक्टर्स ने किया डेब्यू 

‘भारत एक खोज' में कुल 53 एपिसोड थे, लेकिन इसके असर और महत्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता. खास बात ये रही कि इस धारावाहिक में 1000 से ज्यादा कलाकार जुड़े थे, और इनमें से करीब 350 एक्टर्स को इस शो ने डेब्यू करने का मौका दिया. इनमें से कई आज जाने-माने चेहरे हैं. इस शो में रोशन सेठ ने पंडित नेहरू का किरदार निभाया और वो इसके सूत्रधार भी थे. वहीं ओम पुरी ने एक से अधिक रोल किए. कभी अशोक, कभी औरंगजेब तो कभी दुर्योधन. सलीम घोष ने भी कई ऐतिहासिक किरदार निभाए. इसके अलावा शो में नसीरुद्दीन शाह, अमरीश पुरी, शबाना आजमी, मीता वशिष्ठ, पल्लवी जोशी, लकी अली, ईला अरुण, पीयूष मिश्रा और इरफान खान जैसे दिग्गज कलाकार नजर आए.

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एक साल के लिए बुक किए 2 फ्लोर 

इसकी शूटिंग मुंबई के गोरेगांव फिल्मसिटी में हुई थी, जहां एक साल के लिए दो फ्लोर बुक किए गए थे. साथ ही देशभर में कई ऐतिहासिक जगहों और लोकेशनों पर शूटिंग की गई. ताज महल, वेस्टर्न घाट जैसे लोकेशन्स पर शो के कुछ महत्वपूर्ण सीन फिल्माए गए. ‘भारत एक खोज' को हर रविवार सुबह 11 बजे प्रसारित किया जाता था, और उस समय देशभर के लोग टीवी के सामने बैठ जाते थे. शो ने न केवल भारत के 5000 साल पुराने इतिहास को दिखाया, बल्कि ‘अनेकता में एकता' के संदेश को भी मजबूती से पेश किया.

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