शीर्ष निशानेबाज मानवजीत सिंह संधू और इमरान हसन खान ने एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप के अंतिम दिन ओलिंपिक कोटा हासिल किए जिससे भारत का इस प्रतियोगिता से लंदन ओलिंपिक कोटा हासिल करने का इंतजार खत्म हुआ।
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शीर्ष निशानेबाज मानवजीत सिंह संधू और इमरान हसन खान ने एशियाई शूटिंग चैम्पियनशिप के अंतिम दिन ओलिंपिक कोटा हासिल किए जिससे भारत का इस प्रतियोगिता से लंदन ओलिंपिक कोटा हासिल करने का इंतजार खत्म हुआ।
मानवजीत ने ट्रैप स्पर्धा में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक और ओलिंपिक कोटा प्राप्त किया। वहीं भारत को दूसरा ओलिंपिक कोटा खान ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में कोटा हासिल किया।
खान हालांकि पांचवें स्थान पर रहे लेकिन उनसे ऊपर के स्थान पर रहने वाले सभी निशानेबाज पहले ही ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं इसलिए लंदन ओलिंपिक का क्वालीफाइंग स्थान उन्हें मिला।
भारतीय टीम ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन की टीम स्पर्धा का स्वर्ण और ट्रैप स्पर्धा का रजत पदक भी अपने नाम किया।
लंदन के लिए टिकट बुक करा चुके संजीव राजपूत ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। गगन नारंग भी लंदन ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। उन्होंने कांस्य पदक जीता।
भारत को 11 जनवरी से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में ओलिंपिक कोटा हासिल करने के लिए 10 दिन तक इंतजार करना पड़ा और दो निशानेबाजों की इस सफलता के बाद भारतीय खेमे के चेहरों पर मुस्कान आ गई।
मानवजीत ने ट्रैप स्पर्धा में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक और ओलिंपिक कोटा प्राप्त किया। वहीं भारत को दूसरा ओलिंपिक कोटा खान ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में कोटा हासिल किया।
खान हालांकि पांचवें स्थान पर रहे लेकिन उनसे ऊपर के स्थान पर रहने वाले सभी निशानेबाज पहले ही ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं इसलिए लंदन ओलिंपिक का क्वालीफाइंग स्थान उन्हें मिला।
भारतीय टीम ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन की टीम स्पर्धा का स्वर्ण और ट्रैप स्पर्धा का रजत पदक भी अपने नाम किया।
लंदन के लिए टिकट बुक करा चुके संजीव राजपूत ने 50 मी राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। गगन नारंग भी लंदन ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। उन्होंने कांस्य पदक जीता।
भारत को 11 जनवरी से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में ओलिंपिक कोटा हासिल करने के लिए 10 दिन तक इंतजार करना पड़ा और दो निशानेबाजों की इस सफलता के बाद भारतीय खेमे के चेहरों पर मुस्कान आ गई।