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This Article is From Jan 09, 2012

अब भी भारत से डरती हैं विदेशी टीमें : नोब्स

भारतीय हॉकी टीम ने भले ही पिछले दो दशक में कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं की हो लेकिन टीम के विदेशी कोच माइकल नोब्स का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय टीमें अब भी आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन टीम से डरती हैं।
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नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम ने भले ही पिछले दो दशक में कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं की हो लेकिन टीम के विदेशी कोच माइकल नोब्स का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय टीमें अब भी आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन टीम से डरती हैं।

अगले महीने यहां होने वाले ओलिंपिक क्वालीफायर के लिए पुरुष हाकी टीम के तैयारी शिविर के दूसरे चरण को देख रहे नोब्स ने कहा कि भारत को लंदन खेलों में जगह बना लेनी चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया के इस कोच ने आज यहां मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ट्रेनिंग सत्र के बाद कहा, ‘पिछले कई वर्षों में (1980 मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक के बाद से) भारत ने कुछ भी हासिल नहीं किया है लेकिन फिर भी अंतरराष्ट्रीय टीमें हमसे डरती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह (ओलिंपिक क्वालीफायर) हम सबके लिए रोमांचक यात्रा है लेकिन बेशक हम पर दबाव भी है। हम सबका ध्यान क्वालीफायर करने पर है और मुझे 90 से 95 प्रतिशत भरोसा है कि हम क्वालीफाई कर जाएंगे।’ नोब्स ने कहा, ‘अगर कुछ बहुत ही गलत नहीं होता या हमारा कोई मैच बहुत ही खराब नहीं होता या हमारे खिलाफ अंपायर के खराब नतीजे नहीं जाते तो हमें क्वालीफाई कर लेना चाहिए।’

बीजिंग ओलिंपिक 2008 में जगह बनाने में नाकाम रहा भारत यहां मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में 18 से 26 फरवरी तक होने वाले क्वालीफायर में कनाडा, फ्रांस, पोलैंड, इटली और अमेरिका की चुनौती से निपटेगा। पिछले साल सितंबर में टीम के साथ जुड़ने के बाद से ही नोब्स का जोर भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस पर है और इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ‘एक्सरसाइज फिजियोलाजिस्ट’ डेविड जान को टीम के साथ बरकरार रखा है।

लगभग साढ़े चार महीने टीम के साथ बिताने के बाद जब खिलाड़ियों की फिटनेस के बारे में पूछा गया तो नोब्स काफी संतुष्ट दिखे, उनका हालांकि अब भी मानना है कि इस संबंध में काफी कुछ किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा, ‘टीम की फिटनेस में काफी सुधार हुआ है। चैम्पियन्स चैलेंज एक टूर्नामेंट में हमारी टीम सबसे फिट थी।’ नोब्स ने कहा, ‘हमें धीरे धीरे खेल विज्ञान का फायदा मिल रहा है। हम दिन प्रतिदिन मजबूत हो रहे हैं लेकिन गेंद को अपने कब्जे में रखने के लिए हमें और अधिक मजबूत होना होगा।’ कोच का मानना है कि उनके खिलाड़ी जब आक्रामक हाकी खेलते हैं तो वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं लेकिन उन्होंने साथ ही टीम की कमजोर बैकलाइन के बारे में भी चेताया जो दबाव में बिखर जाती है।

क्वालीफायर की तैयारी के तहत भारतीय पुरुष हाकी टीम 16 से 22 जनवरी तक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जबकि महिला टीम अजरबेजान के खिलाफ 15 से 19 जनवरी तक चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी।

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