राष्ट्रमंडल खेल आयोजन से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में करीब नौ महीने से तिहाड़ जेल में बंद सुरेश कलमाड़ी दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को बाहर आ गए।
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दिल्ली:
राष्ट्रमंडल खेल आयोजन से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में करीब नौ महीने से तिहाड़ जेल में बंद सुरेश कलमाड़ी दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को बाहर आ गए।
कलमाडी (67) को पिछले साल 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वह आज शाम जेल संख्या चार से बाहर आए। लेकिन उन्होंने मीडियाकर्मियों से कोई बातचीत नहीं की।
उच्च न्यायालय ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधार पर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक और सह आरोपी वी के वर्मा को भी जमानत दे दी।
अदालत ने 18 पृष्ठों के आदेश में कहा कि निचली अदालत ने रोजाना आधार पर सुनवाई का निर्देश दिया है। लेकिन मुख्य आरोप पत्र में ही 49 गवाहों का जिक्र किया गया है। इसके बाद दो पूरक आरोपपत्रों में और गवाहों का हवाला दिया गया है। ऐसे में सुनवाई में समय लग सकता है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने 2-जी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। अदालत ने कहा कि यह आरोप भी नहीं है कि आरोपी ने गवाहों को धमकी दी है।
कलमाडी ने 2-जी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उच्च न्यायालय से जमानत दिए जाने की मांग की थी। अदालत ने दोनों को पांच पांच लाख रूपये की जमानत और मुचलके भरने का आदेश दिया। अदालत ने सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया कि अगर रिहा कर दिया गया तो आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर धनबल का इस्तेमाल करने संबंधी आरोप नहीं हैं। ऐसे प्रमाण भी नहीं हैं कि याचिकाकर्ता ने जांच अथवा सुनवाई के दौरान गवाहों को धमकी दी हो या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की हो। अदालत ने उन्हें सुनवाई अदालत से अनुमति लिए बिना देश से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता कलमाडी आठ महीने से अधिक समय से और वी के वर्मा 10 महीनों से हिरासत में हैं। ऐसे आरोप नहीं हैं कि वे सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। सीबीआई ने कलमाड़ी को 25 अप्रैल 2011 को और वर्मा को 23 फरवरी 2011 को टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम (टीएसआर) मामले में गिरफ्तार किया था।
इस मामले में कलमाड़ी और वर्मा के अलावा अन्य आरोपियों में राष्ट्रमंडल आयोजन समिति के पूर्व महासचिव ललित भनोट, आयोजन समिति के महानिदेशक (अधिप्राप्ति) सुरजीत लाल, संयुक्त महानिदेशक (खेल) ए एस वी प्रसाद, कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन, हैदराबाद स्थित एकेआर कन्स्ट्रक्शन्स के प्रबंध निदेशक ए के रेड्डी और फरीदाबाद स्थित फर्म जेम इंटरनेशनल के प्रमोटर ए के मदान तथा पी डी आर्य शामिल हैं। इस मामले में दो कंपनियां ए के आर कन्स्ट्रक्शन्स और स्विस टाइमिंग भी आरोपी हैं।
कलमाडी (67) को पिछले साल 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वह आज शाम जेल संख्या चार से बाहर आए। लेकिन उन्होंने मीडियाकर्मियों से कोई बातचीत नहीं की।
उच्च न्यायालय ने 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आधार पर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक और सह आरोपी वी के वर्मा को भी जमानत दे दी।
अदालत ने 18 पृष्ठों के आदेश में कहा कि निचली अदालत ने रोजाना आधार पर सुनवाई का निर्देश दिया है। लेकिन मुख्य आरोप पत्र में ही 49 गवाहों का जिक्र किया गया है। इसके बाद दो पूरक आरोपपत्रों में और गवाहों का हवाला दिया गया है। ऐसे में सुनवाई में समय लग सकता है।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने 2-जी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है। अदालत ने कहा कि यह आरोप भी नहीं है कि आरोपी ने गवाहों को धमकी दी है।
कलमाडी ने 2-जी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उच्च न्यायालय से जमानत दिए जाने की मांग की थी। अदालत ने दोनों को पांच पांच लाख रूपये की जमानत और मुचलके भरने का आदेश दिया। अदालत ने सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर दिया कि अगर रिहा कर दिया गया तो आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर धनबल का इस्तेमाल करने संबंधी आरोप नहीं हैं। ऐसे प्रमाण भी नहीं हैं कि याचिकाकर्ता ने जांच अथवा सुनवाई के दौरान गवाहों को धमकी दी हो या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की हो। अदालत ने उन्हें सुनवाई अदालत से अनुमति लिए बिना देश से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता कलमाडी आठ महीने से अधिक समय से और वी के वर्मा 10 महीनों से हिरासत में हैं। ऐसे आरोप नहीं हैं कि वे सुनवाई के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। सीबीआई ने कलमाड़ी को 25 अप्रैल 2011 को और वर्मा को 23 फरवरी 2011 को टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम (टीएसआर) मामले में गिरफ्तार किया था।
इस मामले में कलमाड़ी और वर्मा के अलावा अन्य आरोपियों में राष्ट्रमंडल आयोजन समिति के पूर्व महासचिव ललित भनोट, आयोजन समिति के महानिदेशक (अधिप्राप्ति) सुरजीत लाल, संयुक्त महानिदेशक (खेल) ए एस वी प्रसाद, कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन, हैदराबाद स्थित एकेआर कन्स्ट्रक्शन्स के प्रबंध निदेशक ए के रेड्डी और फरीदाबाद स्थित फर्म जेम इंटरनेशनल के प्रमोटर ए के मदान तथा पी डी आर्य शामिल हैं। इस मामले में दो कंपनियां ए के आर कन्स्ट्रक्शन्स और स्विस टाइमिंग भी आरोपी हैं।
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