तीन साल की उम्र में पिता ने छोड़ा साथ, जीवन के संघर्षों से नहीं हारा यह एक्टर और बना दुनिया का सबसे बड़ा सुपरस्टार

सितारों की जिंदगी हमें बहुत लुभाती है. लेकिन उस मुकाम तक पहुंचने का संघर्ष एक ऐसी चीज है जो बहुत ही कम लोग महसूस कर पाते हैं. आइए जानते हैं हॉलीवुड स्टार कियानू रीव्ज के जिंदगी के संघर्ष और फर्श से अर्श को छूने की दास्तान.

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हॉलीवुड स्टार कियानू रीव्ज की फर्श से अर्श तक की कहानी
नई दिल्ली:

लाइफ कभी भी एक जैसी नहीं रहती है. कभी उतार तो कभी चढ़ाव. सफल इंसान को देखकर हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि उसके पीछे की जिंदगी कैसी रही होगी. जब हम उनकी पीछे की जिंदगी के बारे में जानते हैं तो उन कठिनाई वाले पलों से निकलकर सफलता के शिखर पर पहुंचने का स्ट्रगल हमें मोटिवेट करता है. आपने हॉलीवुड की कई फिल्में देखी होंगी. उनके कई किरदार भी आपको खूब पसंद आए होंगे. लेकिन उन किरदारों को निभाने वाले कलाकारों की कहानी सुनकर तो आप इतने प्रभावित हो सकते हैं, कुछ बड़ा करने के लिए मोटिवेट होते हैं. हॉलीवुड के ऐसे ही एक जाने-पहचाने सितारे हैं कियानू रीव्ज. मैट्रिक्स से लेकर जॉन विक जैसी फिल्मों में नजर आ चुके कियानू रीव्ज की लाइफ स्टोरी काफी इंस्पायरिंग है.

हॉलीवुड के सबसे दमदार एक्टर में से एक कियानू रीव्ज जिस बैकग्राउंड से आते हैं, वहां से यहां तक पहुंचना आसान काम नहीं है. लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने जो मुकाम बनाया, वह मोटिवेट करता है. कियानू रीव्ज जब तीन साल के थे, तब पिता उन्हें और उनके परिवार को छोड़कर चले गए थे. पिता के छोड़ने के बाद लाइफ चलती रही लेकिन उनके लिए सबसे बड़ा शॉक 1991 में उस समय आया जब उनकी बहन को ल्यूकेमिया बताया गया. बस उसी दिन से उन्होंने कैंसर के खिलाफ जंग लड़ने का फैसला लिया और वह एक चैरिटेबल फाउंडेशन भी चलाते हैं.

कियानू रीव्ज की जिंदगी आगे बढ़ी लेकिन 29 साल की उम्र में उन्होंने अपने सबसे करीबी दोस्त को ड्रग ओवरडोज के चलते खो दिया. यह वह दौर था, जब उनकी पार्टनर जेनिफर साईम प्रेगनेंट थीं. लेकिन दुखद यह रहा कि बेटी का प्रीमैच्योर जन्म हुआ और डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. इसके बाद उनके पार्टनर जेनिफर के साथ संबंध बिगड़ते ही गए और दोनों अलग हो गए. लेकिन अप्रैल 2001 में एक कार एक्सीडेंट में जेनिफर की मौत हो गई. इतनी कठिनाइयों के बावजूद कियानू ने लाइफ से हार नहीं मानी.

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कियानू रीव्ज के करियर में 1994 में आई फिल्म स्पीड टर्निंग पॉइंट रही है. इस फिल्म में उनके साथ सैंड्रा बुलॉक्स थी और फिल्म को दुनिया भर में गजब की सफलता मिली. लेकिन एक लंबा दौर उनकी जिंदगी में ऐसा रहा कि वह अपने दुख में डूबे रहे. फिल्में भी अच्छी नहीं कर सकीं और लोगों को लगा कि उनका करियर अब खत्म हो गया. लेकिन 2014 में आई जॉन विक ने उनके करियर की दिशा ही बदलकर रख दी. कभी मेट्रो की सवारी करने वाले कियानू रीव्ज आज सक्सेस की सवारी कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने जिंदगी के संघर्ष से कई सबक सीखे और अपनी एक्टिंग और जिंदगी को आगे बढ़ाने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी.

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