Avatar The Way of Water: इस अवतार को देखा तो पलक झपकना जाएंगे भूल, पढ़ें फिल्म रिव्यू

जानें कैसी है जेम्स कैमरून की फिल्म 'अवतार: द वे ऑफ वाटर'...2009 में रिलीज हुआ था हॉलीवुड फिल्म का पहला पार्ट.

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जानें कैसी है 'अवतार द वे ऑफ वाटर'
नई दिल्ली:

आज जब बॉलीवुड की दो या ढाई घंटे की फिल्म देखने के लिए काफी हिम्मत की दरकार होती है, उसी दौर में तीन घंटे से भी लंबी फिल्म ने दस्तक दी है. सवाल यह पैदा होता है कि क्या दर्शक इसे देखते हुए थक जाएंगे या उकता जाएंगे? तो जवाब है, कतई नही. लगभग सवा तीन घंटे की फिल्म 'अवतार द वे ऑफ वाटर' हमें ऐसी दुनिया में ले जाती है, जहां से बाहर आने का जी नहीं चाहता है. इंसान की सोच और रचनात्मकता की पराकाष्ठा है जेम्स कैमरून की यह फिल्म. 2009 में अवतार का पहला पार्ट आया था. लेकिन जेम्स कैमरून ने इसके सीक्वल को बनाने में 13 साल का समय लगाया. इस 13 साल में उन्होंने कहानी और एक-एक सीन को कुछ इस तरह हर कसौटी पर पकाया है कि वह हैरत में डाल देता है. जेम्स कैमरून ने एक काल्पनिक दुनिया को सच बनाकर पेश किया और वह भी नए रंग ढंग में. इस तरह फिल्म परदे पर जादुई एहसास को कायम करने में पूरी तरह कामयाब रहती है.

'अवतार: द वे ऑफ वाटर' की कहानी उसी पैंडोरा की है जिसकी दुनिया 2009 में हमारे सामने खुली थी. जेक सुली अब इंसानों से नावी बन चुका है और नेत्री के साथ जिंदगी की जंग को लड़ रहा है. उनकी जिंदगी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन कई चुनौतियां भी उनके सामने आकर खड़ी हो गई हैं. खतरे ढेर सारे हैं. इस बार कहानी जंगलों से सीधे समुद्र तक पहुंच जाती है. इस दुनिया में हर वह मसाला है जो फिल्म को मस्ट वॉच बनाता है. इस सबसे ऊपर फिल्म की टेक्नोलॉजी तो बेमिसाल है. 'अवतार: द वे ऑफ वाटर' में कहानी के जरिये जेम्स कैमरून ने पर्यावरण, महत्वाकांक्षाओं, बदले और जिदंगी के कई रंगों को पेश करने की सफल कोशिश की है. उन्होंने सब्र का फल मीठा होता है वाले मुहावरे को यहां एकदम सही मायनों में चरितार्थ किया है. 

'अवतार: द वे ऑफ वाटर' की कहानी बहुत अनोखी नहीं है. कहानी को बहुत ही साधारण रखा गया है, लेकिन जिस दुनिया और इमोशंस के साथ उसे रचा गया है, वह उसे खास बनाते हैं. फिर इस फिल्म को शब्दों में बयान करना भी बेहद मुश्किल है क्योंकि जितना लिखा जाए कम है. इसके बारे में कहा जा सकता है कि इसे जितना देखा जाए वह भी कम है क्योंकि स्क्रीन पर जो दुनिया आती है उसे आंखों में पूरी तरह समा लेने का मन करता है और ऐसा एक बार में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल भी लगता है. इस फिल्म को देखने के बाद जेम्स कैमरून की वह बात याद आ जाती है कि वह इसके सफल होने के बाद ही इसके अगले पार्ट को लाएंगे. तो हम उम्मीद लगा सकते हैं कि पैंडोरा की दुनिया के अगले राज के खुलने का हम इंतजार कर सकते हैं.

रेटिंग: 4/5 स्टार
डायरेक्टर: जेम्स कैमरून
कलाकार: सैम वर्थिंगटन, जो सल्डाना, सिगोर्नी वीवर, स्टीफन लैंग और केट विंस्लेट

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