कभी बचपन में ये ऑफिसर रखते थे कबाड़ी वाला बनने की इच्छा, आज हैं IAS, पढ़ें इनकी कहानी

जानिए एक ऐसे शख्स के बारे में जो बचपन में कभी कबाड़ी वाला बनने की रखते थे इच्छा. आज हैं IAS ऑफिसर. बेबाक और सख्त रवैये के लिए हैं फेमस.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

देश में न जाने कितने ही लड़के और लड़कियों का सपना होता है कि वह एक दिन यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को क्लियर कर IAS बनें, लाखों उम्मीदवारों में कुछ ही उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो IAS बनने के सपने को पूरा कर लेते हैं. आज हम  IAS दीपक रावत के बारे में बताने जा रहे हैं जो बचपन में कबाड़ी वाला बनने की इच्छा रखते थे.

वर्तमान में दीपक रावत उत्तराखंड भारत के एक फायरब्रांड IAS अधिकारी हैंम. वह सोशल मीडिया पर सबसे प्रसिद्ध IAS अधिकारियों में से एक हैं. दीपक रावत अपने बेबाक और सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. उनका यट्यूब पर Deepak Rawat IAS नाम से एक चैनल भी है, जिसके 3.39 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं.

जानें- कैसे पास की थी UPSC की परीक्षा

दीपक ने जवाहर लाल नेहरू कॉलेज से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली. अपनी पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी थी उनके लगातार प्रयासों और कड़ी मेहनत के बाद भी, वह अपने दो प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो पाए थे. जिसके बाद अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की.

अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास तो कर ली थी,लेकिन उनका चयन IAS में नहीं बल्कि IRS पद के लिए हुआ. जिसके बाद उन्होंने दोबारा  UPSC परीक्षा देने का फैसला किया और इस परीक्षा में उन्होंने 12वीं रैंक हासिल की थी.  लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दीपक रावत उत्तराखंड कैडर के IAS अधिकारी  नियुक्त किए गए.

क्यों युवाओं के बीच फेमस हैं IAS दीपक रावत

दीपक रावत ने एक इंटरव्यू में कहा, बचपन में एक कबाड़ी वाला बनने के बारे में सोचता था. बचपन से ही मुझे नई- नई चीजों को बारे में जानना अच्छा लगता था. वहीं दीपक रावत ने कहा, आज मैं IAS बनकर खुश हूं. इस सर्विस की खास बात ये है कि आप सीधे तौर पर पब्लिक से जुड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, मुझे पब्लिक के बीच में रहकर काम करना अच्छा लगता है.

Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article