PM नरेंद्र मोदी ने कहा, "छात्रों ने कोविड-19 के कारण 1 साल गंवाया, लेकिन बहुत कुछ सीखा"

Pariksha Pe Charcha 2021: ‘‘परीक्षा पे चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 ने सभी को विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने की सीख भी दी है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
PM नरेन्द्र मोदी ने कहा- कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल गंवा दिया, लेकिन बहुत कुछ सीखा.
नई दिल्ली:

Pariksha Pe Charcha 2021: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण साल तो गंवा दिया, लेकिन इस महामारी के कारण उन्हें बहुत कुछ सीख भी मिली. ‘‘परीक्षा पे चर्चा'' के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 ने सभी को विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीने की सीख भी दी है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बच्चों और युवाओं को बहुत नुकसान उठाना पड़ा, किंतु इस महामारी ने संयुक्त परिवार की ताकत और बच्चों के जीवन निर्माण में उसकी भूमिका का भी बखूबी एहसास कराया.

कोरोना महामारी के चलते छात्रों को हुए नुकसान संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हम कह सकते हैं कि कोविड-19 के कारण छात्रों ने एक साल गंवा दिया लेकिन इस महामारी के चलते उन्हें कई सीख भी मिलीं.''

उन्होंने कहा, ‘‘महामारी ने हमें अचानक हुई घटना से लड़ना सिखाया. लोगों ने महसूस किया कि नित्य स्कूल और कार्यालय जाने को ही हमें नियति नहीं मान लेना चाहिए.''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना काल में यदि हमने बहुत कुछ खोया है तो बहुत कुछ पाया भी है. इससे मिली सीख को हमें जीवन पर्यंत याद रखना चाहिए.''

उन्होंने कहा कि कोरोना काल की सबसे पहली सीख तो यही है कि बच्चों ने इस दौरान जिन लोगों की कमी महसूस की, उन लोगों की अपने जीवन में भूमिका के महत्व का एहसास उन्हें हुआ.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना काल में एक और बात यह भी हुई कि हमने परिवार में एक दूसरे को ज्यादा नजदीक से समझा है. कोरोना ने सामाजिक दूरी के लिए मजबूर किया लेकिन परिवारों में भावनात्मक लगाव को भी इसने मजबूत किया. कोरोना काल ने यह भी दिखाया है कि एक संयुक्त परिवार की ताकत क्या होती है और घर के बच्चों के जीवन निर्माण में उनकी कितनी भूमिका होती है.''

प्रधानमंत्री ने समाज शास्त्र से जुड़े शोधकर्ताओं और विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया कि उन्हें कोरोना संकट से समाज में, जीवन में आए बदलावों और इस संकट का मुकाबला करने में संयुक्त परिवारों की भूमिका के बारे में अध्ययन या शोध करना चाहिए.

Advertisement

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के प्रसार को देखते हुए पिछले साल मार्च महीने में देश भर के सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे. बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर ना पड़े, इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत हुई.

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले जब देश में कम हुए तो धीरे-धीरे स्कूल खुलने लगे. लेकिन एक बार फिर इस महामारी के तीव्र प्रसार को देखते हुए स्कूल पुन: बंद करना पड़ा.

Advertisement

कक्षा दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं सामान्यत: फरवरी-मार्च में होती हैं, लेकिन कोविड-19 के मद्देनजर इस बार इन्हें मई-जून में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sambhal News: Tunnel, Basement और... Sambhal में ताज़ा खुदाई के दौरान क्या कुछ मिला जिसने सबको हैरान किया
Topics mentioned in this article