कक्षा 12वीं बोर्ड और एंट्रेंस परीक्षाओं लेकर कल केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों, एजुकेशन सेक्रेटरी, स्टेट एग्जामिनेशन बोर्ड के चेयरपर्सन और स्टेकहोल्डर्स के साथ एक हाई लेवल मीटिंग आयोजित की. ये मीटिंग बिना की किसी आम सहमति के समाप्त हुई.
वहीं सरकारी सूत्रों ने NDTV को बताया कि केंद्र का झुकाव CBSE कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की ओर है और ये संभव हो सकता इसके लिए एक अलग फॉर्मेट अपनाया जाएगा. वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को न बताया12वीं की परीक्षा का आयोजन कब और कैसे होगा, इस फैसला 1 जून 2021 को लिया जाएगा. जैसे ही इस बात की जानकारी छात्रों को मिली. वह गुस्से से तिलमिला उठे, उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया.
ट्विटर पर एक छात्र ने लिखा, 'मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि जब हम बोर्ड देने जाएं तो हमारे लिए श्मशान में जगह भी बना दें.' आपको बता दें, रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट करते हुए राज्यों को 25 मई तक अपने "विस्तृत सुझाव" भेजने के लिए कहा गया है और आश्वासन दिया है कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा केंद्र के लिए "सर्वोच्च महत्वपूर्ण" है.
दिल्ली सरकार ने CBSE 12वीं की परीक्षा आयोजित करने का विरोध किया है. राज्यों अपनी बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला करने की अनुमति है. एक छात्र ने लिखा, 'परीक्षा के समय को घटाकर 1/2 घंटा कर आप किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं, कृपया हम जीना चाहते हैं'
एक ओर छात्र ने लिखा, जब लाखों छात्र और उनके माता- पिता परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो आप परीक्षा का आयोजन करके हमारी भावनाओं के साथ क्यों खेल रहे हैं' वहीं कई ऐसे छात्र भी है जो परीक्षा आयोजन करने के पक्ष में है. एक ने लिखा, 'सर कृपया हमारी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करें. यह हमारे भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हममें से कई लोगों ने इतनी सारी समस्याओं के कारण अपनी प्रारंभिक परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं किए हैं. '