नई दिल्ली: पिछली तारीख से कराधान विदेशी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि कल पेश जाने वाले केंद्रीय बजट 2016-17 में विरासत के मुद्दों को सुलझाने के उपाय किए जा सकते हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यम ने एक साक्षात्कार में कहा कि मौजूदा सरकार ने निवेशकों का भरोसा कायम करने के लिए विरासत में मिले कर मुद्दों को हल करने के लिए ‘पुख्ता कदम’ उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे सरकार विरासत के मुद्दे को हल कर रही है। मुझे उम्मीद है कि आगे चलकर भी वे इसे जारी रखेंगे और बजट में इसपर कुछ होगा। यह एक लंबा एजेंडा है। हम कर प्रणाली को साफ-सुथरा करना है।’’ पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पिछली तारीख से कानून का सहारा लेते हुए अरबों डॉलर की कर मांग की थी। विदेशी निवेशक इसको लेकर चिंतित हैं। उन्हें उम्मीद है कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार तेजी से इस मुद्दे को हल करेगी।
इसी महीने कर विभाग ने एक असामान्य कदम उठाते हुए ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन को 14,200 करोड़ रुपये का कर अदा करने के लिए रिमाइंडर नोटिस भेजा है। यह मुद्दा अभी मध्यस्थता में है। तीन सदस्यीय पंच निर्णय समिति में पीठासीन जज की नियुक्ति न होने की वजह से वोडाफोन मामले में मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
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