Zubeen Garg Death Reason: क्या थी जुबीन की मौत की असली वजह? 4 लोगों के खिलाफ 55 FIR

जुबीन गर्ग की मौत, जो कथित तौर पर समुद्र में तैराकी के दौरान हुई, ने कई सवाल खड़े किए हैं. जनता के आक्रोश और न्याय की मांग के बीच चार व्यक्तियों के खिलाफ 55 एफआईआर हुई हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Zubeen Garg Deat Reason: अब इस दुनिया में नहीं रहे जुबीन गर्ग
नई दिल्ली:

असम पुलिस ने सिंगापुर में मशहूर असमिया गायक जुबीन गर्ग की मृत्यु की परिस्थितियों की जांच के लिए 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. बुधवार (24 सितंबर) को असम पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह, सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक एमपी गुप्ता और मुख्य सचिव रवि कोटा के साथ एक अहम बैठक हुई. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “हम इस मामले में किसी को भी बख्शने वाले नहीं हैं.”

दूसरा पोस्टमॉर्टम और विसरा जांच

जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार से कुछ घंटे पहले जनता की मांग पर उनके शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम किया गया. इस दौरान एकत्र किए गए विसरा को आगे की जांच के लिए नई दिल्ली की केंद्रीय फोरेंसिक लैब भेजा गया है. पहला पोस्टमॉर्टम सिंगापुर में पहले ही हो चुका था.

चार लोगों पर दर्ज हुईं 55 FIR

जुबीन गर्ग की मौत, जो कथित तौर पर समुद्र में तैराकी के दौरान हुई, ने कई सवाल खड़े किए हैं. जनता के आक्रोश और न्याय की मांग के बीच चार व्यक्तियों—नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, उनके बैंड के ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी और गुवाहाटी के बिजनेसमैन संजीव नारायण के खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में 55 FIR दर्ज की गई हैं. इन सभी FIR को पर सीआईडी के तहत एक मामले में दर्ज किया गया है, जिसमें आपराधिक साजिश, गैर-इरादतन हत्या और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत लापरवाही से मौत के आरोप शामिल हैं.

इवेंट कंपनी पर बैन

मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि श्यामकानु महंत और उनसे जुड़े संगठनों को असम में किसी भी आयोजन या उत्सव के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. राज्य सरकार ऐसे किसी भी कार्यक्रम को वित्तीय सहायता, विज्ञापन या प्रायोजन नहीं देगी. इसके साथ ही, केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाएगा कि महंत को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता न प्रदान की जाए.

संजीव नारायण का खंडन

बुधवार को संजीव नारायण ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा कि उनकी सिंगापुर यात्रा भूपेन हजारिका पर एक किताब के विमोचन के लिए थी, और जुबीन की मृत्यु की सूचना मिलने के बाद ही वे उनसे मिलने गए थे. हालांकि, नारायण के स्पष्टीकरण से प्रशंसक संतुष्ट नहीं हुए. ‘बीर लचित सेना' सहित कई प्रशंसकों ने उनके कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और उनसे जवाब मांगा.

पुलिस की तैनाती और शांति की अपील

प्रदर्शन के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लतासिल पुलिस स्टेशन से पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की एक टीम मौके पर पहुंची. गुवाहाटी (मध्य) के डीसीपी अमिताभ बसुमतारी ने कहा कि नारायण को अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की अनुमति थी, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर इसे आयोजित करने की मंजूरी नहीं थी. उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रदर्शन के दौरान कोई विवाद बढ़ता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement

गुवाहाटी हाई कोर्ट में याचिका

इस बीच गुवाहाटी हाई कोर्ट के वकील संदीप चमारिया ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने और हाई कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि यदि जुबीन गर्ग की सुरक्षा में कोई चूक हुई है, तो केवल निष्पक्ष जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है. इस याचिका पर 10 नवंबर को सुनवाई होगी.

Featured Video Of The Day
Gandhinagar में 'I Love Muhammad' vs 'आई लव Mahadev' मामले से Garba के दौरान कैसे भड़की Violence?