असम ने मंगलवार (18 नवंबर) को अपने कल्चरल आइकन, जुबीन गर्ग को उनकी 53वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. राजनीतिक दलों से लेकर छात्र संगठनों और फैन्स क्लबों तक, राज्य भर के संगठनों ने इस दिन अलग-अलग कार्यक्रम रखे, संगीत से सजी श्रद्धांजलि और प्यारे गायक को समर्पित इस दिन को मनाया. इसकी शुरुआत सोमवार आधी रात को हुई जब गर्ग के काहिलीपारा स्थित आवास के बाहर उनके फैन्स इकट्ठे हुए. उन्होंने एक केक काटा और उसे उनकी तस्वीर के सामने रखा. जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और बहन पाल्मी बोरठाकुर सभी के साथ शामिल थीं.
फैन्स ने बर्थडे सॉन्ग और उनके कुछ सबसे पॉपुलर गाने गाए, जो सितंबर में उनके असामयिक निधन के बाद पहला जयंती समारोह था. मंगलवार (18 नवंबर) की सुबह, माहौल और भी भावुक हो गया जब उनके आवास पर 20 किलो का केक लाया गया और जुबीन गर्ग का स्टैच्यू रिवील किया. गर्ग के पिता कपिल बोरठाकुर और गरिमा सैकिया गर्ग ने मूर्ति का अनावरण किया. इससे सैकड़ों लोग जो इस महान गायक को याद करने के लिए साथ आए थे उनकी आंखों में आंसू भर आए और तालियां गूंज उठीं.
जुबीन गर्ग का स्टैच्यू
सोमवार रात से ही, उनके अंतिम संस्कार स्थल, जुबीन क्षेत्र में लोगों की भीड़ उमड़ रही थी. फैन्स गमले, फूल चढ़ा रहे थे, दीप जला रहे थे और उनके गीतों को गाकर अपना प्रेम जाहिर कर रहे थे. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "कुछ लोगों की उपस्थिति आंखों से ओझल हो जाती है, लेकिन स्मृतियों में उनकी चमक और भी बढ़ जाती है. आज, हम एक ऐसे कलाकार की चिरस्थायी विरासत का सम्मान करते हैं जो हमारे दिलों की धड़कन थे, रहेंगे और हमेशा रहेंगे... हमारे #प्रिय_ज़ुबीन."