क्या थी जाकिर हुसैन की आखिरी इच्छा? आखिरी सफर में भी चाहिए था हमसफर का साथ

जाकिर हुसैन ने 16 दिसंबर को इस दुनिया को अलविदा कहा. क्या आप जानते हैं उनकी आखिरी इच्छा क्या थी?

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क्या थी जाकिर हुसैन की आखिरी इच्छा ?
नई दिल्ली:

भारत के सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक 73 वर्षीय जाकिर हुसैन का सोमवार (16 दिसंबर) सुबह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों में एक अस्पताल में निधन हो गया. महज सात साल की उम्र में जाकिर हुसैन ने अपना पहला संगीत कार्यक्रम किया था और छह दशकों से भी ज्यादा समय तक अपनी शानदार प्रतिभा एवं जोश से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते रहे. बावजूद इसके जाकिर हुसैन मंच पर जाने से पहले घबरा जाया करते थे और कार्यक्रम की सफलता के लिए वह अपनी "किस्मत" का शुक्रिया अदा किया करते थे. उनका जाना संगीत की दुनिया में एक शोक की लहर की तरह आया और उनके चाहने वालों को अभी तक यकीन नहीं हो पा रहा है कि जाकिर वाकई अब इस दुनिया में नहीं हैं. खैर जाकिर तो अब नहीं रहे लेकिन हम आपको उनकी आखिरी इच्छा के बारे में बताते हैं जिसे सुनकर आपकी आंखें भी नम हो जाएंगी. इसके अलावा ये भी बताएंगे कि जाकिर को सुपुर्द-ए-खाक कहां किया जाएगा.

जाकिर हुसैन को कहां किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक ?

कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जाकिर हुसैन को बुधवार (18 दिसंबर) को सैन फ्रांसिस्को में दफन किया जाएगा. उनके भाई फजल कुरैशी भारत से अमेरिका जा चुके हैं और बहन खुर्शीद भी लंदन से अमेरिका के लिए रवाना हो चुकी हैं.

क्या थी जाकिर हुसैन की आखिरी इच्छा ?

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि जाकिर ने एक बार अपनी पत्नी मिन्नेकोला से कहा था कि वे हमेशा उनके साथ रहना चाहते हैं और मरने के बाद भी उनके पास ही रहना चाहेंगे. इसी के चलते उन्होंने अमेरिका में ही दफन किए जाने की इच्छा जाहिर की थी.

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