प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का रविवार 15 दिसंबर को हृदय संबंधी समस्याओं के कारण 73 साल की उम्र में निधन हो गया, जिसे उनकी फैमिली ने कंफर्म किया है. हुसैन की मैनेजर निर्मला बच्चानी ने एक बयान में कहा कि उस्ताद रक्तचाप संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. इससे पहले, यह पता चला था कि जाकिर हुसैन को हृदय संबंधी समस्याओं के चलते सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था. प्रख्यात तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे के रूप में, वे बचपन से ही संगीत की ओर आकर्षित थे. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा मुंबई के माहिम में सेंट माइकल हाई स्कूल से पूरी की और बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और संगीत व शिक्षा में अपनी नींव को और मजबूत किया.
इसी बीच सोशल मीडिया पर जहां शोक की लहर दौड़ गई है तो वहीं उस्ताद जाकिर हुसैन की एक अनदेखी बचपन की फोटो सामने आई है. इसमें वह अपने पिता उस्ताद अल्ला रक्खा और परिवार के साथ आगरा के ताजमहल के सामने बैठकर पोज देते हुए नजर आ रहे हैं.
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि हुसैन ने कथक नृत्यांगना और शिक्षिका एंटोनिया मिनेकोला से विवाह किया. उनकी दो बेटियां अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं. जाकिर हुसैन ने ‘साज़', ‘हीट एंड डस्ट' सहित कुछ फ़िल्मों में भी एक्टिंग की. जबकि उनकी सबसे हालिया फ़िल्म ‘मंकी मैन' 2024 में रिलीज हुई. इतना ही नहीं 2024 में वह 66वें ग्रैमी पुरस्कार में एक ही रात में तीन ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय संगीतकार बनकर इतिहास रच दिया है.
उद्योगपति हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया पर ज़ाकिर हुसैन के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "दुनिया खामोश हो गई है क्योंकि तबला अपने उस्ताद को खो चुका है. उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, एक लयबद्ध प्रतिभा जिसने भारत की आत्मा को वैश्विक मंचों पर पहुंचाया, हमें छोड़कर चले गए. मैं उन्हें एचएमवी के साथ उनके संबंध के माध्यम से जानने और अपने घर पर उनके अविश्वसनीय प्रदर्शन को देखने का सौभाग्य प्राप्त कर चुका हूं, उनकी धुनें हमेशा गूंजती रहेंगी."
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने लिखा, "उस्ताद जाकिर हुसैन की तबला वादन की असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालातीत विरासत बनाई है. उनके परिवार, दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी कला से छुआ। उनकी लय हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी."
गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा ने लिखा, स्वर्ग की लय अभी थोड़ी और जीवंत हो गई है. अलविदा, जाकिर हुसैन. आपका संगीत मानवता के लिए एक आशीर्वाद बना रहेगा.
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