बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम का कहना है कि उन्हें इस बात का संतोष है कि आखिरकार उन्हें अलग-अलग तरह की फिल्मों का हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है और वह 'सुंदर लड़की' की अपनी छवि को तोड़ना चाहती है, जो फिल्म जगत ने बनायी है. गौतम ने 2012 में प्रदर्शित 'विक्की डोनर' से हिंदी फिल्मों में अभिनय के करियर की शुरुआत की थी और इसके बाद उन्होंने 'बदलापुर' , रितिक रोशन अभिनीत 'काबिल' जैसी फिल्में कीं. मगर 2019 में आई फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' और 'बालाट में अभिनय की व्यापक तौर पर प्रशंसा की गई.
यामी गौतम ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें लेकर बनाई घिसी-पिटी धारणा से निपटने में शुरू में उन्हें दिक्कत आई. उन्होंने कहा, "मैं हमेशा से ऐसी पटकथाओं और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं की तलाश में रही, लेकिन पहले मुझे ऐसे मौके नहीं मिले. मुझे अच्छे खासे वक्त तक प्यारी, खूबसूरत लड़की और दुखी युवती की श्रेणी में रखा गया. मैं उसमें फंस गई. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उसमें से कैसे निकलूं. मुझे नहीं पता था कि कैसे बताऊं."
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2017 में 'काबिल' फिल्म इस उम्मीद के साथ की थी कि उनकी भूमिका' निर्माताओं को उनकी क्षमता से रु-ब-रू कराएगी लेकिन उन्हें उस तरह के मौके नहीं मिले जैसे वह चाहती थीं. 'उरी' उनके करियर की सबसे कामयाब फिल्म थी और इससे अभिनेत्री को एहसास हुआ कि पर्दे पर कम अवधि की भूमिका से भी कलाकार चमक सकता है. गौतम ने कहा, "मैं जानती हूं कि यह छोटा किरदार था लेकिन मैं अपने करियर में इन्हें करने से कभी पीछे नहीं हटी. अगर पटकथा अच्छी है, किरदार मजबूत है तो मैं करूंगी."
यामी गौतम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में अभिनेता को इस बात से नहीं आंका जाता है कि उसके किरदार को कितनी देर पर्दे पर दिखाया जा रहा है. बहरहाल, अभिनेत्री 'डिजनी प्लस हॉट स्टार' पर प्रसारित हो रही 'भूत पुलिस' में अभिनय कर रही हैं. गौतम ने कहा कि उन्हें किसी और फिल्म में निर्माता पवन कृपलानी के साथ काम करना था लेकिन 'भूत पुलिस' का प्रस्ताव आया जो उन्हें काफी मोहक लगा. 'भूत पुलिस' के निर्माता रमेश तौरानी और अक्षय पुरी हैं और इसमें सैफ अली खान, अर्जुन कपूर और जैकलीन फर्नांडीज भी हैं.