कौन था हिंदी सिनेमा का पहला चाइल्ड आर्टिस्ट ? 111 साल पहले आई इस फिल्म से किया था डेब्यू

हिंदी सिनेमा में चाइल्ड आर्टिस्ट का बहुत ही अहम रोल रहा है. कई फिल्मों की कहानियों के तो मेन हीरो ही बच्चे हुआ करते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पहला चाइल्ड आर्टिस्ट कौन था ?

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नई दिल्ली:

बॉलीवुड की किसी भी फिल्म में हीरो हीरोइन जितने अहम रहे हैं उतनी ही वेल्यू चाइल्ड आर्टिस्ट की भी रही है. बहुत सी बॉलीवुड मूवीज तो ऐसी भी रही हैं जिनकी कहानी ही चाइल्ड आर्टिस्ट के आसपास घूमती हैं. बरसों से स्क्रीन पर बच्चों को शानदार एक्टिंग करते देख रहे हैं. उन की एक्टिंग देखते हुए कभी आपने सोचा कि बॉलीवुड का पहला चाइल्ड आर्टिस्ट कौन रहा होगा. शायद आपको पता न हो लेकिन ये खोज बहुत आसान नहीं थी. इस सिलसिले को शुरू करने वाले सबसे पहले डायरेक्टर थे द ग्रेट दादा साहब फाल्के जिन्हें अपनी पहली ही फिल्म के लिए चाइल्ट आर्टिस्ट ढूंढने में खूब पापड़ बेलने पड़े और फिर वो इस फैसले पर पहुंचे.

ये थे पहले चाइल्ड आर्टिस्ट

बॉलीवुड के पहले चाइल्ड आर्टिस्ट कोई और नहीं खुद दादा साहेब फाल्के के बेटे भालचंद्र फाल्के थे. ये तो आप जानते ही होंगे कि दादा साहेब फाल्के ने हरिश्चंद्र नाम की फिल्म बनाई थी. जो भारत की फुल लेंथ फीचर फिल्म थी. इस म्यूट मूवी में बाल किरदार निभाने के लिए कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चे को भेजने के लिए तैयार नहीं थें. क्योंकि शूटिंग का ज्यादातर हिस्सा जंगल में फिल्माया जाना था. जिसके बाद दादा साहब फाल्के को अपने ही बेटे को कास्ट करना पड़ा. दादा साहेब फाल्के के बेटे उस समय सात साल के थे. जब उन्होंने रोहिताश्र्व का रोल निभाया था.

ऐसे बनी थी फिल्म

इस फिल्म को बनाने के लिए दादा साहेब फाल्के ने खूब मेहनत की. साल 1913 में हरिशचंद्र मूवी रिलीज हुई. उस दौर में इसे बनाने में 15 हजार रुपये लगे थे. फिल्म बनाने से पहले दादा साहब फाल्के ने विदेश जाकर फिल्म मेकिंग की बारीकियों और तकनीक को समझा. इसके बाद उन्होंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया जिसके निर्माता, निर्देशक, राइटर, कैमरामैन और लीड हीरो सब कुछ दादा साहेब फाल्के ही थे.

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