गुजरे जमाने की खूबसूरत अदाकारा मुमताज आज फिल्मों से दूर हैं. ऐसा नहीं है कि उनके पास काम नहीं है, दरअसल, एक्ट्रेस ने साफ कह रखा है कि वह मां के रोल नहीं करेंगी. यही कारण है कि वह पर्दे से दूर हैं. मुमताज अपनी खूबसूरती के चलते ही सिनेमा पर राज करती थीं. राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा जंची और काका के साथ उन्होंने एक नहीं ढेरों सुपरहिट फिल्में दीं. मुमताज ने बतौर चाइल्ड एक्टर ही अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर ली थी. मुमताज के फिल्मों में करियर बनाने की वजह घर की माली हालत थी. मुमताज अपनी मां नाज अस्करी के बहुत करीब थीं और जिम्मेदारियों को समझती थीं. उनकी मां नाज भी अभिनेत्री थीं. चलिए जानते हैं आखिर कौन थीं मुमताज की मां नाज अस्करी.
कौन थीं मुमताज की मां ?
मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को अब्दुल समीद अस्करी और सरदार बेगम हबीब आगा उर्फ नाज के घर हुआ था. मुमताज के पेरेंट्स ईरानी थे, लेकिन बाद में बॉम्बे बस गए. मुमताज की मां नाज के नाम से जानी जाती थीं. वह एक एक्ट्रेस थीं. नाज अस्करी और उनकी चाची नीलोफर फिल्मों में बतौर जूनियर आर्टिस्ट और एक्स्ट्रा कलाकार के तौर पर काम करती थीं. उन्होंने पृथ्वीराज कपूर के साथ भी काम किया था. गौरतलब है कि उनकी कुछ फिल्मों के प्रिंट दुर्भाग्यवश आग में जलकर खाक हो गए थे. वहीं, मुमताज ने बतौर चाइल्ड स्टार संस्कार (1952), यास्मीन (1955), लाजवंती (1958), सोने की चिड़िया (1958), और स्त्री (1961) में अभिनय किया.1958 से 1964 तक वह हिंदी फिल्मों में 'वल्लाह क्या बात है' जैसी फिल्मों में केवल एक एक्स्ट्रा आर्टिस्ट के रूप में काम करती रहीं.
मुमताज का फिल्मी करियर
बहुत छोटी होने के कारण उन्हें बतौर लीड एक्ट्रेस काम नहीं मिला और धीरे-धीरे दारा सिंह के साथ कम बजट की बी ग्रेड फिल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभाने लगीं. दारा सिंह के साथ उन्होंने 1964 से 1968 तक एक साथ 16 फिल्में कीं, जिनमें से 10 हिट रहीं. मुमताज 1970-1976 के पीरियड में हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस बनी रहीं. उन्होंने अपने 14 साल के छोटे से फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और ऐसी एक भी फिल्म नहीं है, जिसमें उनके अभिनय को तारीफ ना मिली हो. साल 1969 में उन्हें राजेश खन्ना के साथ फिल्म दो रास्ते में साइन किया गया, जो ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई. फिल्म 'खिलौना' (1970) , जिसमें एक्ट्रेस ने एक शानदार रोल किया, फिल्म के लिए उन्हें 1970 का सबसे प्रतिष्ठित फिल्मफेयर अवार्ड मिला. उन्हें 1997 में फिल्मफेयर की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान भी मिला था.