अमिताभ बच्चन जिस वक्त फिल्मों के एंग्री यंग मैन बनकर पहले पायदान की तरफ पहुंच रहे थे. उस वक्त वहां राजेश खन्ना का कब्जा था. राजेश खन्ना तजुर्बे में तो अमिताभ बच्चन के सीनियर थे ही स्टारडम भी जबरदस्त रखते थे. यही वजह थी कि आनंद फिल्म में राजेश खन्ना का स्टारडम फिल्म पर हावी रहा था. लेकिन दूसरी फिल्म में जब दोनों आमने सामने आए तब तक अमिताभ बच्चन भी खासी पहचान बना चुके थे और खूब पसंद भी किए जाने लगे. ऐसे में राजेश खन्ना का उनके साथ काम करते हुए एक जिद पर अड़ना उनके खुद के लिए बहुत भारी साबित हुआ.
क्यों जिद पर अड़े राजेश खन्ना?
ये किस्सा राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म नमक हराम से जुड़ा है. फिल्म के आखिर में अमिताभ बच्चन का डेथ सीन होना था, लेकिन राजेश खन्ना एक जिद पर अड़ गए. राजेश खन्ना का ये मानना था कि जो स्टार लास्ट में मरता है वही दर्शकों के दिल में उतर जाता है. इसलिए वो चाहते थे कि अंत में वो मरे. चूंकि वो अमिताभ बच्चन से बड़े स्टार थे इसलिए डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी भी उनकी बात मानने को मजबूर हो गए. क्लाइमेरक्स में हुए बदलाव के बाद राजेश खन्ना फिल्म में मरते हैं और अमिताभ बच्चन उनकी मौत का बदला लेते हैं.
न दोस्त मिला न कामयाबी
राजेश खन्ना ने अपनी बात तो मनवा ली लेकिन अमिताभ बच्चन की नाराजगी मोल ले ली. दूसरी तरफ उनके किरदार से ज्यादा तारीफ अमिताभ बच्चन के किरदार को मिली. इस बात से राजेश खन्ना एक बार फिर खासे नाराज हो गए. कहा जाता है कि इस फिल्म के बाद अमिताभ बच्चन शौहरत की बुलंदियों तक पहुंचने लगे और नाराज राजेश खन्ना ने उनके साथ दोबारा काम न करने की शपथ ले ली. फिल्म में जिद मनवा कर उन्होंने अपनी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती तो खत्म कर ही दी, साथ ही जो तारीफें वो हासिल करना चाहते थे वो भी उन्हें नहीं मिली.
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