क्या होता है जब फिल्म इंडस्ट्री के दो दिग्गजों को एक साथ काम करना पड़ता है, और दिग्गज भी दिलीप कुमार और अभिताभ बच्चन जैसे! आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जब सुपरस्टार अमिताभ बच्चन दिलीप कुमार का नाम सुनते ही फिल्म में सेकंड लीड के लिए तैयार हो गए थे. किस्सा कुछ यूं है कि फिल्म डायरेक्टर रमेश सिप्पी ‘मदर इंडिया' फिल्म से बेहद प्रभावित थे. ऐसे कें उनके जेहन में ख्याल आया कि जिस प्रकार मदर इंडिया में नरगिस जी का सशक्त किरदार इंसाफ के लिए अपने बेटे पर गोली चलाने से भी नहीं चूकता, वैसा ही किरदार पुरुष में भी तो हो सकता है. रमेश सिप्पी की इसी कल्पना से फिल्म 'शक्ति' ने जन्म लिया.
आपको याद होगा की शक्ति फिल्म में अपने फर्ज और उसूलों की खातिर पुलिस अधिकारी पिता अपने पुत्र को भी गोली मार देता है. जिस प्रकार नरगिस जी ने मदर इंडिया के किरदार के साथ इंसाफ किया था, उसी तरह पिता के किरदार के साथ इंसाफ भला कौन कर सकेगा..? ये सवाल अपने आप में बड़ा था और इसका एकमात्र जवाब दिलीप कुमार के रूप में सामने आया. रमेश सिप्पी ने दिलीप कुमार को इस किरदार के लिए तैयार कर लिया. फिल्म की तैयारियां शुरू हो गईं और अब अगला सवाल ये था कि फिल्म में सेकंड लीड यानि कि दिलीप कुमार के बेटे का किरदार कौन निभाएगा. फिल्म के राइटर सलीम-जावेद के दिमाग में इस भूमिका के लिए राज बब्बर का नाम था.
सेकंड लीड निभाने को तैयार हो गए थे अमिताभ बच्चन
हालांकि जब इस फिल्म की जानकारी उस वक्त के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के पास पहुंची तो उन्होंने खुद इस फिल्म में काम करने की इच्छा जाहिर कर दी. महज दिलीप कुमार के साथ काम करने के लिए अमिताभ सेकंड लीड निभाने के लिए तैयार हो गए. अमिताभ का सितारा उन दिनों बुलंदियों पर था. उनकी फिल्में एक के बाद एक सुपरहिट हो रही थीं. ऐसे में अमिताभ किसी फिल्म में सेकंड लीड करेंगे, ये बात किसी के गले उतर नहीं रही थी. वह भी एक ऐसी फिल्म में जिसमें दिलीप कुमार जैसा महान एक्टर मुख्य भूमिका में हो और फिल्म उसी के किरदार के इर्द-गिर्द बुनी गई हो. इसके बावजूद अमिताभ को इसकी कोई परवाह नहीं थी. वे तो बस दिलीप कुमार के साथ काम करना चाहते थे.
मां के रोल में नजर आई थीं राखी
ये दिलीप कुमार का जादू ही था कि राखी इस फिल्म में अमिताभ की मां के रोल के लिए तैयार हो गई थीं. इस तरह से उन्हें दिलीप कुमार की धर्मपत्नी का रोल निभाने का मौका मिल रहा था, जबकि उस समय राखी कई फिल्मों में अमिताभ बच्चन के अपोजिट उनकी प्रेमिका के रोल भी निभा रही थीं. आखिरकार अमिताभ ने दिलीप कुमार के बेटे का रोल निभाया. फिल्म के रिलीज होने के बाद जिस बात का डर था वही हुआ. कई फिल्म समीक्षकों ने दिलीप कुमार के सामने अमिताभ के काम को बौना साबित करने की कोशिश की. जाहिर है कि फिल्म में दिलीप कुमार अहम भूमिका में थे. बाद में अमिताभ को भी लगने लगा कि कहीं ये फिल्म करके उन्होंने कोई गलती तो नहीं कर दी है. पर आज इतने सालों बाद ये कहा जा सकता है कि शक्ति न केवल दिलीप साहब की बल्कि अमिताभ बच्चन के करियर की भी बेहतरीन फिल्मों में से एक है.
जब अमिताभ के लिए दिलीप कुमार ने यूनिट को लगाई थी फटकार
शक्ति फिल्म का आखिरी सीन मुंबई के नवनिर्मित एयरपोर्ट पर शूट किया जाना था. इस सीन में दिलीप कुमार अपने बेटे का किरदार निभा रहे अमिताभ बच्चन को गोली मारते हैं और अमिताभ उनकी बाहों में दम तोड़ देते हैं. सीन शुरू होने से पहले अमिताभ फिल्म की यूनिट से थोड़ी दूर खड़े होकर अपनी रिहर्सल कर रहे थे, लेकिन यूनिट के लोगों की बातचीत और आवाजें उन्हें डिस्टर्ब कर रही थीं. दिलीप कुमार ने ये देखा और वे अमिताभ की परेशानी भांप गए. इसके बाद दिलीप साहब गरजे और यूनिट के लोगों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि एक एक्टर जब अपने काम में ध्यान लगाने की कोशिश कर रहा है तो यूनिट के लोगों को उसका सहयोग करना चाहिए. बाद में ये सीन फिल्म के सबसे दमदार सींस में से एक साबित हुआ.
अमिताभ के लिए दिलीप कुमार का 'वो' खत
दिलीप कुमार को फिल्म 'ब्लैक' में अमिताभ बच्चन का काम बहुत पसंद आया था. दिलीप साहब ने इसे लेकर अमिताभ बच्चन को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अमिताभ के काम की सराहना की थी. अपने चहते एक्टर से मिली इस प्रशंसा से अमिताभ बेहद खुश हुए था. उन्होंने बताया था कि दिलीप कुमार का ये पत्र उन्होंने किसी ट्रॉफी की तरह सहेजकर रखा है.