राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में जो स्टारडम देखा है वो हर सितारे के लिए किसी सपने से कम नहीं है. सिल्वर स्क्रीन पर उनका हुनर इस तरह चमचमाया है कि पूरा देश आज भी उनकी मुरीद है. सुनते तो ये भी हैं कि हसीनाओं के दिल पर उनका इस कदर राज था कि एक झलक के लिए फीमेल फैंस घंटो इंतजार करती थीं. जिस शख्स की पॉपुलैरिटी और स्टारडम इतना हाई हो क्या उसे एक फिल्म के लिए हाथ पैर जोड़ने पड़ेंगे? ये सोचकर एक बार को हैरानी होती है लेकिन राजेश खन्ना के फिल्मी जीवन में एक ऐसा दिन भी आया था.
राजेश खन्ना ने हाथ जोड़कर क्यों मांगी मदद
काका से जुड़े इस किस्से के बारे में खुद जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया. ये उन दिनों की बात है जब जावेद अख्तर और सलमान खान के पापा सलीम खान दोनों मिलकर फिल्मों की कहानी लिखते थे. दोनों का काम बॉलीवुड में खूब पसंद किया जा रहा था. इस बीच राजेश खन्ना को एक ऑफर हुई. स्क्रिप्ट उन्हें पसंद आई. चार लाख रुपये में डायरेक्टर ने उन्हें फाइनल किया और ढाई लाख पेशगी भी दे दी.
मदद के बिना बंगला नहीं खरीद पाते काका
ये फिल्म थी 'हाथी मेरे साथी'. इसकी पेशगी लेने के बाद राजेश खन्ना को पता चला कि फिल्म की कहानी का सेकेंड हाफ कमजोर था. अब वो एक बड़ी रकम एडवांस के तौर पर ले चुके थे तो उसे वापस करने से भी बचना चाहते थे. उन दिनों चार लाख रु. बड़ी रकम हुआ करती थी जिससे राजेश खन्ना एक बड़ा बंगला लेने वाले थे. वो ना तो इस फीस की रकम को गंवाना चाहते थे, न ढाई लाख रु. लौटाना चाहते थे और न ही फिल्म छोड़ना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने सलीम जावेद से फिल्म की कहानी पूरी करने की रिक्वेस्ट की. दोनों ने ये रिक्वेस्ट मानकर फिल्म की कहानी पूरी की जिसके हिट होते ही राजेश खन्ना ने बंगला खरीदा और सलीम जावेद को खूब काम भी दिलवाया.