साल 1969 में फिल्म सात हिंदुस्तानी के साथ बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अमिताभ बच्चन की शुरुआती कई फिल्में फ्लॉप हो गईं. किसी को ऐसा नहीं लगा था कि ये नाम एक दिन इतना बड़ा बन जाएगा कि इनके बिना बॉलीवुड अधूरा होगा. लेकिन एक फिल्म डायरेक्टर ऐसे थे, जिन्होंने अमिताभ में छिपे हुनर को पहचाना और लोगों के मना करने के बावजूद उन्हें फिल्म जंजीर में मौका दिया. वे डायरेक्टर थे प्रकाश मेहरा. इस फिल्म ने अमिताभ की किस्मत पलट दी. इसके बाद अमिताभ के आगे फिल्मों की लाइन लग गई और बॉलीवुड में पहले से स्थापित कई स्टार्स उनसे कतराने लगे.
मनमोहन देसाई के साथ बनी जोड़ी
जंजीर की सफलता के बाद डायरेक्टर मनमोहन देसाई भी अमिताभ के फैन बन गए. उन्होंने अमिताभ के साथ कई सारी फिल्में की और वह सफल रहीं. इस जोड़ी ने कुली, परवरिश, अमर अकबर एंथनी, सुहाग, नसीब, मर्द और गंगा जमुना सरस्वती जैसी कई सफल फिल्में दी. मनमोहन देसाई 1982 में एक फिल्म बना रहे थे देश प्रेमी. इस फिल्म में वह राजकुमार के साथ अमिताभ बच्चन की जोड़ी देखना चाहते थे.
अमिताभ का नाम सुन फिल्म छोड़ गए राजकुमार
राजकुमार को जैसे पता चला कि अमिताभ बच्चन को फिल्म के लिए साइन किया गया है तो वह कतराने लगे. उन्हें लगा कि वह उभरते हुए सितारे हैं और डायरेक्टर के करीबी हैं तो उन्हें अधिक स्क्रीन स्पेस मिलेगा. ऐसे में मनमोहन देसाई ने राजकुमार का रोल बढ़ा दिया, लेकिन अमिताभ की पेमेंट अधिक कर दी. ये बात जब राजकुमार को पता लगी तो उन्होंने फिल्म छोड़ दी. इसके बाद इस रोल को शम्मी कपूर ने निभाया.
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