महेश भट्ट का परिवार बरसों से फिल्मी दुनिया में एक्टिव हैं. खुद महेश भट्ट ने कई सितारों की जिंदगी तराशी है. क्या ऐसे पिता की बेटी से कोई ये बोल सकता है कि अब उसमें कुछ नहीं बचा और, उसका उन पर इतना असर हो कि वो फिर कैमरे का सामना ही न कर सके. लेकिन ऐसा सचमुच हुआ है. महेश भट्ट की बड़ी बेटी यानी कि पूजा भट्ट को ऐसे ही कमेंट का सामना करना पड़ा था. जिसका नतीजा ये हुआ कि उन्होंने अपना अच्छा खासा फिल्मी करियर छोड़ कर डायरेक्शन की दुनिया में उतरने का फैसला कर लिया.
17 साल की उम्र में शुरू किया काम
पूजा भट्ट ने फिल्मी दुनिया में कदम रखा तब उनकी उम्र महज 17 साल की थी. 'डैडी' फिल्म से उन्होंने करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में उनकी एक्टिंग को जबरदस्त तारीफ भी मिली. इसके बाद उन्होंने 'दिल है कि मानता नहीं', 'सड़क' जैसी हिट फिल्में भी दीं. 19 साल की उम्र आते आते तक वो सुपरस्टार बन चुकी थीं. इसके बाद उन्होंने शाहरुख खान, आमिर खान, राहुल रॉय जैसे एक्टर्स के साथ भी काम किया. लेकिन चंद ही साल में अचानक फिल्मी पर्दे से गायब हो गईं. उसके बाद से वो कभी कभार किसी फिल्मी कार्यक्रम में नजर आईं.
एक कमेंट ने बदली जिंदगी
एक इंटरव्यू में पूजा ने 21 साल तक कैमरे से गायब रहने का राज बताया. पूजा भट्ट ने बताया कि 24 साल की उम्र में ही इंडस्ट्री के कुछ लोग ये कहने लगे थे कि पूजा भट्ट अब खत्म हो चुकी हैं. ऐसे कमेंट सुनकर वो इतनी दुखी हुईं कि एक्टिंग छोड़ कर डायरेक्शन में काम शुरू कर दिया. उन्होंने 'तमन्ना' जैसी फिल्म बनाई और नेशनल अवॉर्ड जीता. जिसके बाद उन्हें तसल्ली मिली और उनके खिलाफ बोलने वालों के मुंह पर ताला भी लग गया. दुश्मन और जख्म जैसी फिल्म भी पूजा भट्ट ने ही बनाई थी.