भारत विभाजन के दौरान सांप्रदायिक दंगों के बीच जब मनोज कुमार ने खो दिया था आपा, मां बनी थीं वजह

धरती मां से बेइंतहा प्यार करने वाले मनोज कुमार ने जब गुस्से में मां की खातिक डॉक्टर और नर्सों को पीट दिया था. 

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Manoj Kumar Dies at 87: मनोज कुमार ने मां की खातिर जब की थी पिटाई
नई दिल्ली:

हिन्दी सिनेमा को उपकार, पूरब और पश्चिम, क्रांति, रोटी कपड़ा और मकान, शहीद जैसी देशभक्ति फिल्में देने वाले दिग्गज एक्टर मनोज कुमार, जिन्होंने 87 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. वह अपनी फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रवाद की बात दुनिया के सामने रखते थे. उनकी फिल्मों में भारत माता की जयकार सुनने को मिलती थी. आज दिग्गज अभिनेता हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन अब उनकी यादें रह गई हैं, जो बरसों बरस लोगों को उस शख्स की याद दिलाती रहेंगी, जिसने संस्कारों को जिया. जितना मां भारती से प्रेम किया उतना ही अपने जन्मदाताओं से. 

एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने उस घटना का जिक्र करते हुए बताया- भारत के बंटवारे के दौरान सांप्रदायिक दंगे भड़के हुए थे. मनोज कुमार की मां अपने बीमार छोटे बेटे कुकू के साथ तीस हजारी अस्पताल में भर्ती थी. दंगों की वजह से अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उन्हें इलाज नहीं मिल रहा था. इलाज नहीं मिलने से उन्हें काफी समस्या हो रही थी.

मनोज कुमार यह सब अपने आंखों के सामने देख रहे थे. मां की स्थिति देख मनोज खुद पर काबू नहीं रख पाए और डॉक्टरों और नर्सों की डंडे से पीट दिया. इस घटना के बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया. इस दौरान मनोज कुमार के पिता ने जैसे-तैसे मामले को शांत कराया. पिता ने कसम खिलवाई कि अब से कभी वो दंगा फसाद नहीं करेंगे. बकौल मनोज उन्होंने ताउम्र उस बात का सम्मान किया. 

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गौरतलब है कि 4 अप्रैल 2025 को मनोज कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वहीं उनके चाहने वाले सोशल मीडिया के जरिए सुपरस्टार को श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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