तुमसे हमारे सरताज मोहब्बत करते हैं... जब कमाल अमरोही की पहली पत्नी की हुई मीना कुमारी से मुलाकात

बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मीना कुमारी के साथ अफेयर के वक्त कमाल अमरोही पहले से ही शादीशुदा था और पहली पत्नी से उन्हें बच्चे भी थे.

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कमाल अमरोही की पहली पत्नी की हुई मीना कुमारी से मुलाकात
नई दिल्ली:

कमाल अमरोही हिंदी सिनेमा के के मशहूर डायरेक्टर, एक्टर और स्क्रीन राइटर रहे हैं. उन्होंने कई मशहूर फिल्मों को डायरेक्ट  किया है जैसे पाकीजा और रजिया सुल्तान. कमाल अमरोही अपनी वर्कलाइफ को लेकर जितनी चर्चा में रहे, उतनी ही चर्चा में वह अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी रहे. बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मीना कुमारी के साथ अफेयर के वक्त कमाल अमरोही पहले से ही शादीशुदा था और पहली पत्नी से उन्हें बच्चे भी थे. तो आइए जानते हैं कमाल अमरोही, उनकी पहली पत्नी और  मीना कुमारी के साथ उनके लव ट्रायंगल के बारे में-

कमाल अमरोही ने अभिनेत्री मीना कुमारी से गुप्त रूप से शादी की, तब वह पहले से ही शादीशुदा थे और उनकी एक छोटी बेटी रुखसार थी. अमरोही की पहली पत्नी उस समय अमरोहा में रहा करती थी , जबकि कमाल फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बना रहे थे. इसी दौरान कमाल की मुलाकात  मीना कुमारी से हुई. जिसके बाद उनकी पूरी लाइफ ही बदल गई.

जब रुखसार को पता चला पिता की दूसरी शादी का सच

एक इंटरव्यू में कमाल अमरोही की पहली पत्नी से पैदा हुई बेटी रुखसार ने बताया , जब उनकी पिता की  दूसरी शादी की बातें फैलने लगी तो स्कूल में सभी बच्चे उन्हें अलग नजरों से देखा करते थे. उन्होंने घर लौटकर अपनी मां को एक पत्रिका पढ़ते देखा जिसमें वही खबर छपी थी. नज़रे मिलते ही उनकी मां ने अख़बार फेंक दिया — उस दिन के बाद से यह विषय दोनों के बीच एक खामोश दर्द बन गया. कई दिनों की चुप्पी के बाद रुखसार ने झिझकते हुए पूछा, “वो हमें भूल गए हैं, आप भी उन्हें क्यों नहीं भूल जातीं?” उनकी मां की प्रतिक्रिया सख्त थी — “अपने पिता के बारे में ऐसा कभी मत कहना.” दिल टूटा हुआ था, पर रिश्ते की मर्यादा अब भी बरकरार थी.

चिट्ठियों के ज़रिए ‘छोटी अम्मी' से हुई पहचान

इस खबर के बाद से ही रुखसार की मां दुखी रहने लगी. उन्होंने रुखसार को अपने पिता को चिट्ठी लिखने के लिए प्रेरित किया. जिससे पहली बार उनका परिचय मीना कुमारी से हुआ, जिन्हें उनके पिता छोटी अम्मी बुलाने को कहते थे.  धीरे-धीरे चिट्ठियों में अपनापन बढ़ता गया, और घर के अंदर मीना की मौजूदगी एक सच्चाई की तरह स्वीकार की जाने लगी, लेकिन अभी तक मीना की रुखसार या उसकी अम्मी से मुलाकात नहीं हुई थी.  कुछ महीनों बाद, खबर मिली कि मीना कुमारी बीमार हैं. रुखसार की मां ने बिना किसी को बताए मुंबई जाने का फैसला किया. रुकसार ने बताया, “जब हम पहुंचे, तो अब्बा का चेहरा देखने लायक था,” रुखसार ने याद किया. “उनके माथे से पसीना टपक रहा था, वो घबरा गए थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें.”

जब दोनों पत्नियां आमने-सामने आईं

उनकी मां ने शांत लहजे में कहा, “मैं शिकायत करने नहीं आई, बस मीना से मिलना चाहती हूं.” थोड़ी देर बाद, मीना कुमारी कमरे से बाहर आईं — सादगी और मुस्कान में लिपटी हुईं. उन्होंने रुखसार की मां को सलाम किया और रुखसार के माथे को चूमा. जो मुलाक़ात असहज हो सकती थी, वह एक शांत और कोमल पल में बदल गई. अगली सुबह नाश्ते के दौरान, रुखसार की मां ने मीना कुमारी को 250 रुपए दिए और कहा कि इसे नौकरों में बांट दें. मीना ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “लेकिन घर और नौकर तो आपके हैं.” थोड़ी देर बाद जब मीना ने उनकी कलाई में बंधी घड़ी की तारीफ की, तो रुखसार की मां ने वह उतारकर मीना की कलाई पर बांध दी — “तुम पहन लो, तुम मुझसे छोटी हो.” इस पर छोटी अम्मी ने कहा, 'ये आप क्या कर रही हैं, सब कुछ तो दे दिया आपने'. दोनों की आंखें नम हो गईं. रुखसार की मां ने मीना कुमारी से कहा, “तुमसे मेरे सरताज मोहब्बत करते हैं मीना, और जिसको पिया चाहे वही सुहागिन कहलाए. तुम उनकी जान हो, और हमारी जान वो हैं. जिसे वो प्यार करते हैं, हमें भी करना चाहिए.”


 

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