अपनी छाप छोड़ गए धर्मेंद्र हमेशा अपने फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे. धर्मेंद्र को उनकी शानदार बॉडी और एक्शन मैन वाली पर्सनैलिटी के लिए बॉलीवुड के ‘ही-मैन' के तौर पर सबसे ज़्यादा याद किया जाता है, लेकिन उन्होंने अपने फिल्मी सफ़र की शुरुआत एक सॉफ्ट रोमांटिक स्टार के तौर पर की थी. अपने करियर के शुरुआती सालों में, 60 और 70 के दशक की शुरुआत में, उन्हें इंडस्ट्री के सबसे अच्छे दिखने वाले एक्टर्स में से एक माना जाता था. इस दावे को इंटरनेशनल मीडिया ने और मज़बूती दी, जिसने उन्हें ‘दुनिया के सबसे हैंडसम आदमी' का टाइटल दिया.
जब धर्मेंद्र को दुनिया का सबसे हैंडसम आदमी कहा गया
धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत कई रोमांटिक और ड्रामा वाली फ़िल्मों में काम करके की, जैसे अनुपमा (1969), बहारें फिर भी आएंगी (1966), काजल (1965), और मेरा गांव मेरा देश (1971), जिसने उन्हें एक रोमांटिक एक्टर के तौर पर मजबूत किया. मीना कुमारी के साथ उनकी जोड़ी खास तौर पर बहुत पसंद की गई. 70 के दशक तक, धर्मेंद्र ने आखिरकार इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली थी और खुद को एक लीडिंग मैन के तौर पर स्थापित कर लिया था. नतीजतन, भारत और विदेश दोनों जगह कई फिल्म मैगज़ीन ने उनके बारे में बात होने लगी. 70 के दशक में, इंटरनेशनल पब्लिकेशन ने उन्हें दुनिया के टॉप 10 और टॉप 5 सबसे हैंडसम पुरुषों में लिस्ट किया, कुछ मैगज़ीन ने तो उन्हें टॉप पर भी रखा.
जब धर्मेंद्र से की गई हॉलीवुड स्टार की तुलना
धर्मेंद्र ने एक बार खुद याद किया कि उनकी तुलना उस समय के हॉलीवुड हार्टथ्रोब, जैसे जेम्स डीन और पॉल न्यूमैन से की जाती थी. लेहरेन रेट्रो के साथ एक पुराने इंटरव्यू में, उन्होंने कहा था, "कुछ लोगों ने मेरी तुलना एक हॉलीवुड स्टार से की, लेकिन मैंने उसकी पिक्चर ही नहीं देखी थी. मैं गया और उनकी फिल्म देखी, और फिर मैंने सोचा कि शायद साइड से, मैं थोड़ा उनके जैसा दिखता हूं. मुझे खुद भी ऐसा लगने लगा."