फरहान अख्तर को आज लोग एक जाने-माने एक्टर, डायरेक्टर और सिंगर के तौर पर जानते हैं. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि महज 17 साल की उम्र में उन्होंने एक सिनेमैटोग्राफर के असिस्टेंट के तौर पर अपना करियर शुरू किया था. फरहान अख्तर ने फिल्मों में अपना सफर शुरू ही किया था, यश चोपड़ा की रोमांटिक म्यूजिकल फिल्म 'लम्हे' से. वह सिनेमैटोग्राफर मनमोहन सिंह के सहायक के रूप में काम कर रहे थे, जिसमें श्रीदेवी और अनिल कपूर लीड रोल में थे. इस फिल्म की सेट पर एक घटना ने उन्हें यह मानने पर मजबूर कर दिया कि उनका उभरता करियर खत्म हो गया है. शूटिंग के दौरान श्रीदेवी गलती से गिर गईं. लगभग 35 साल बाद, फरहान ने एक टीवी चैनल पर इस बात को स्वीकारा.
ऐसे घटी वह घटना
जब इस घटना के बारे में पूछा गया, तो फरहान ने कहा, "मैं कौन होता हूं श्रीदेवी को गिराने वाला!" फिर उन्होंने बताया कि असल में क्या हुआ था: "दुर्भाग्य से, ऐसी दुर्घटना घटी. मैं लम्हे में मान जी का सातवां या आठवां असिस्टेंट था. यह एक टिपिकल यश चोपड़ा सेटअप था - सरोज जी (कोरियोग्राफर सरोज खान) द्वारा कोरियोग्राफ किया गया एक पैशनेट डांस सिक्वेंस. श्रीदेवी को एक बुरी खबर सुनने के बाद डांस के माध्यम से अपना गुस्सा और दर्द व्यक्त करना था. अंतिम शॉट एक क्रेन शॉट होना था. जब श्रीदेवी रिहर्सल कर रही थीं, तो फ्रेम की जांच कर रहे मनमोहन सिंह ने लकड़ी के फर्श पर एक दाग देखा. उन्होंने किसी को इसे साफ करने के लिए कहा, और चूंकि मैं सबसे पास था, मैं इसे पोंछने के लिए दौड़ा."
जल्दबाज़ी में, उन्होंने श्रीदेवी को आते हुए नहीं देखा. "मैं झुका हुआ था, दाग साफ़ कर रहा था और मान जी के साथ तालमेल बिठा रहा था, तभी वह आईं, फिसल गईं और गिर गईं. मुझे आज भी स्लो मोशन में वह सब याद है - श्रीदेवी हवा में उड़ीं और जमीन पर गिर गईं. पूरा सेट मानो जम गया. मैंने सोचा, बस, मेरा करियर खत्म."
ऐसा था श्रीदेवी का रिएक्शन
लेकिन गुस्से के बजाय, श्रीदेवी ने इसे हंसी में उड़ा दिया. फरहान याद करते हुए कहते हैं, "वह बस मुस्कुराईं और बोलीं, 'कोई बात नहीं, ऐसा हो जाता है.' सब उनकी बात मानकर हंसने लगे. तभी मैंने आखिरकार सांस ली."