EXCLUSIVE: जब श्रीदेवी को पहली बार देखने पर कैमरामैन से हो गई थी गलती, शेखर कपूर ने बताया वो किस्सा

13 अगस्त यानी हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा श्रीदेवी का जन्मदिन, वो श्रीदेवी जिनके किरदार, जिनका डांस, जिनकी कॉमेडी दर्शकों को आज तक याद है और आज की बहुत सी अभिनेत्रियां उन्हें अपना आदर्श मानती हैं.

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नई दिल्ली:

13 अगस्त यानी हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा श्रीदेवी का जन्मदिन, वो श्रीदेवी जिनके किरदार, जिनका डांस, जिनकी कॉमेडी दर्शकों को आज तक याद है और आज की बहुत सी अभिनेत्रियां उन्हें अपना आदर्श मानती हैं. सिर्फ अभिनेत्रियां ही नहीं, वो निर्देशक भी जिन्होंने श्रीदेवी के साथ काम किया, वो उनके क्राफ्ट, कमिटमेंट, अभिनय और डांस के आज भी कायल हैं. निर्देशक शेखर कपूर ने श्रीदेवी के साथ मिस्टर इंडिया जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्म में काम किया, साथ ही जोशीले में भी श्रीदेवी ने शेखर कपूर के निर्देशन में काम किया, पर बाद में इस फिल्म का निर्देशन सिब्ते हसन रिजवी ने किया.

श्रीदेवी के जन्मदिन के मौके पर एनडीटीवी ने निर्देशक शेखर कपूर से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने श्रीदेवी को याद करते हुए कहा, "सबसे पहली चीज तो उसकी कमिटमेंट आती है. वो लड़की जिसे मैं सेट पर जानता हूं, जितनी दोस्ती, पहचान और प्यार मुझे उनसे हुआ, वो वैसा ही था जैसा डायरेक्टर-हीरोइन का होता है. मैं उनसे सिर्फ सेट पर ही मिला, सेट के बाद तो मिला नहीं. लेकिन उसमें एक ईगरलाइन होती थी. शूटिंग के दौरान वो बैठी रहती थी. कब शॉट होगा, कब शॉट होगा. वो वेट करती थी और शाम तक बैठी रहती थी. ऐसा लगता था बिल्कुल इंटरेस्टेड नहीं है. जैसे ही बोला कि आओ और शॉट दो, तो कैमरे के सामने आते ही ऐसा लगता था जैसे कोई दूसरी रूह आ गई. एक दूसरी स्पिरिट आती थी और वह स्पिरिट इतनी एडिक्टिव थी कि मैं बार-बार इसी इंतजार में सेट पर जाता था कि कब यार श्रीदेवी का शॉट लेंगे, कब श्रीदेवी की फिर वो रूह मैं देख पाऊंगा, फिर वो एनर्जी मैं कब देख पाऊंगा".

उन्होंने आगे कहा, "और सिर्फ मैं ही नहीं, मुझे याद है, पहली बार जब मैंने उसके साथ एक शॉट लिया था. एक फिल्म थी जोशीलेऔर जैसे ही हमने शूटिंग शुरू की, तो पहली बार में कैमरामैन कैमरा ऑन करना भूल गया (हंसते हुए). इतनी स्ट्रॉन्ग थी उसकी परफॉरमेंस. वह कैमरा में देख रहा था, पर कैमरा ऑन करना भूल गया. श्रीदेवी तो अलग पर्सन थीं, लेकिन काम करते वक्त वो एक अलग शख्सियत थीं, या कहें अलग रूह थीं. वो क्रिएटिविटी की रूह थीं. हमें तो उसके साथ काम करने में मजा आता ही था, पर उसे भी आता था". श्रीदेवी एक तरह से पैन-इंडिया स्टार थीं, जिन्होंने देश की कई भाषाओं में और अपने वक्त के हर बड़े स्टार के साथ काम किया और देश की हर फ़िल्म इंडस्ट्री पर छाप छोड़ी.

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