अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan Banned) को उनकी शानदार आवाज और अभिनय की वजह से 'सदी के महानायक' का खिताब मिला, जो उन्हें इंडियन मीडिया ने दिया था. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि एक समय ऐसा भी था जब अमिताभ बच्चन उर्फ शहंशाह को मीडिया बैन का सामना करना पड़ा था. आइए जानते हैं कि मीडिया ने अमिताभ पर बैन क्यों लगाया था और बिग बी ने इस पर किस तरह रिएक्ट किया था. क्या है पूरी कहानी चलिए आपको बताते हैं
अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे बड़े नामों में से एक हैं. लोगों के लिए यह कल्पना करना मुश्किल है कि उन्हें मीडिया कवरेज मिलने पर बैन लगा दिया गया था. लेकिन सुपरस्टार को अपने स्टारडम के चरम पर इन हालातों का सामना करना पड़ा था. 1975 में इमरजेंसी के दौरान, फिल्म मीडिया के एक वर्ग ने उस समय लागू प्रेस सेंसरशिप में उनकी कथित भूमिका के लिए अमिताभ बच्चन का बहिष्कार किया था.
एक पुराने वीडियो में, अमिताभ बताते हैं कि कैसे बदले में उन्होंने कई सालों तक मीडिया को अपनी फिल्मों के सेट पर आने से रोक दिया था, क्योंकि अभिनेता का मानना था कि उन्हें स्क्रीन पर जो कहना है, उसके अलावा कुछ और कहने की जरूरत नहीं है.
अमिताभ ने क्या कहा?
अमिताभ ने लेहरन को दिए एक थ्रोबैक वीडियो में बताया कि कैसे उन पर बैन लगा दिया गया था. अभिनेता ने कहा, "1975 में, जब देश में आपातकाल की घोषणा हुई, तो फिल्म पत्रकारों ने गलत धारणा बना ली कि आपातकाल के साथ आई प्रेस सेंसरशिप मेरी वजह से थी." उन्होंने कहा, "यह आदमी इंदिरा गांधी का करीबी है और वह प्रेस सेंसरशिप में शामिल है, इसलिए हमें अमिताभ बच्चन पर बैन लगाना चाहिए. उन्होंने मेरे बारे में लिखना और मेरी तस्वीरें छापना बंद कर दिया. अगर मैं किसी फिल्म में होता, तो वे स्टार कास्ट के बारे में लिखते, लेकिन मेरा नाम नहीं".
अभिनेता ने आगे बताया कि इसके जवाब में उन्होंने मीडिया को अपने फिल्म सेट पर आने से रोक दिया और कई सालों तक कोई भी इंटरव्यू देने से इनकार कर दिया. उन्होंने याद करते हुए कहा, "मुझे लगा कि अगर प्रेस को मुझे बैन करने की आजादी है, तो मुझे भी उन्हें प्रतिबंधित करने की आजादी होनी चाहिए. इसलिए जब भी मैं शूटिंग कर रहा होता, पत्रकार मुझसे मिलना चाहते, मैं मना कर देता. यह लगभग 15 साल तक चलता रहा".
अमिताभ के अनुसार, राजनीति में आने के बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया क्योंकि उन्हें जनता तक पहुंचने के लिए मीडिया की जरूरत थी. अमिताभ ने 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता और तीन साल तक सांसद रहे. अंततः 1987 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और अभिनय में वापस आ गए.