दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की खबर पर ये था वहीदा रहमान का पहला रिएक्शन

वहीदा रहमान भरत नाट्यम में ट्रेन्ड डांसर थीं...इसी वजह से स्टेज प्रोग्राम किया करती थीं. बस यहीं से उन्हें सिल्वर स्क्रीन पर आने का पहला मौका मिला.

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वहीदा रहमान
नई दिल्ली:

वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है. इस मौके पर एनडीटीवी से प्रशांत सिसोदिया ने उनसे बात की. जब उनसे पूछा गया कि ये सम्मान उनके लिए क्या अहमियत रखता है तो उन्होंने कहा कि जब कभी कोई भी अवॉर्ड मिलता है तो बहुत खुशी मिलती है. मैं बहुत खुश हूं...बहुत शुक्रगुजार हूं...कि मेरे फैन्स, आईबी मिनिस्ट्री, अनुराग ठाकुर जी...सबने मिलने मुझे ये अवॉर्ड दिया है.

नारी शक्ति अधिनियम जब पास हुआ है..इस मौके पर वहीदा रहमान को इस सम्मान की अनाउंसमेंट हुई...इस पर वहीदा ने कहा, इस हिसाब से आजकल बहुत सारे कैरेक्टर्स हैं जो बहुत अच्छी फिल्में बना रहे हैं. जोया अख्तर हैं...फराह खान हैं...बहुत सारी फीमेल डायरेक्टर्स हैं. अच्छी राइटर्स हैं..पहले भी थीं लेकिन उतना मौका नहीं मिला...मैं नहीं कहूंगी कि उन्होंने अच्छा नहीं किया. उन्हें मौका नहीं मिला. दबा के रखा गया था. अभी मौका मिल रहा है...और मिलेगा...तो और तरक्की कर पाएंगी.

खुद वहीदा रहमान ने भी ऐसे किरदार किए हैं जो लीग से हटकर रहे हैं. खासतौर पर गाइड ये उस समय के हिसाब से बहुत ही अलग और बोल्ड किरदार था. इस पर उन्होंने कहा, रोजी का जो किरदार था...मेरे खयाल में हिंदी सिनेमा में इससे पहले कोई किरदार नहीं था जिसकी अगर पति ने नहीं बनती तो वो उसे तमाचा मारकर वॉक ऑउट कर जाए. मैं ये नहीं कहती कि तमाचा मारिए...लेकिन कॉन्फिडेंस अपने आप में होना चाहिए कि आप जो करना चाहते हैं...जो करना चाहिए वो कर सकते हैं. रोजी डांसर बनना चाहती थी तो वो बनती है...फिर चाहे इसके लिए उसे अपने हस्बेंड को छोड़ना पड़ा जो भी...मुश्किलें आईं उसने सामना किया और डांसर बनी.

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