कभी अमिताभ को टक्कर देता था यह एक्टर, हीरोइनें थी इनकी दीवानी, बाद में बना ओशो को शिष्य, लौटकर की दूसरी शादी और माधुरी के साथ...

कॉलेज के दिनों में जब उन्होंने थिएटर जॉइन किया, तब उनकी मुलाकात गीतांजली टलेयरखान से हुई.

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किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं विनोद खन्ना की असल जिंदगी
नई दिल्ली:

बॉलीवुड में जब भी रौबदार अंदाज, करिश्माई पर्सनैलिटी और दमदार एक्टिंग की बात होती है, तो विनोद खन्ना का नाम सबसे ऊपर आता है. लेकिन जितने बड़े स्टार वो पर्दे पर थे, उतनी ही दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरी उनकी रियल लाइफ भी रही. उन्होंने प्यार किया, शादी की, सब कुछ छोड़कर संन्यास लिया, फिर लौटे और दोबारा प्यार में पड़े. उनकी ज़िंदगी किसी फिल्म से कम नहीं थी.

कॉलेज में मिला पहला प्यार

विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को हुआ था. उनका परिवार बंटवारे के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था. कॉलेज के दिनों में जब उन्होंने थिएटर जॉइन किया, तब उनकी मुलाकात गीतांजली टलेयरखान से हुई. गीतांजली मॉडल बनना चाहती थीं, और विनोद उनके कॉन्फिडेंस और पर्सनैलिटी से बेहद प्रभावित हुए. दोनों के बीच प्यार शुरू हुआ. इसी दौरान विनोद खन्ना पर प्रोड्यूसर सुनील दत्त की नज़र पड़ी और उन्होंने अपनी फिल्म मन का मीत में ब्रेक दे दिया. 1968 में डेब्यू करते ही विनोद इंडस्ट्री में छा गए और उनके पास एक के बाद एक 15 फिल्में साइन हो गईं.

शादी और एक परफेक्ट फैमिली मैन की छवि

करियर सेट होते ही विनोद ने पर्सनल लाइफ को सीरियसली लेना शुरू किया. 1971 में उन्होंने गीतांजली से शादी कर ली. फिल्म इंडस्ट्री की तमाम बड़ी हस्तियां इस शादी में शामिल हुईं. 1972 में उनके बेटे राहुल का जन्म हुआ और 1975 में छोटे बेटे अक्षय ने इस फैमिली को पूरा कर दिया. विनोद खन्ना का फैमिली के लिए एक सिंपल रूल था – संडे को कोई शूटिंग नहीं. वो उस दिन पूरा वक्त पत्नी और बच्चों को देते. फीमेल फैन फॉलोइंग के बावजूद उन्होंने हमेशा अपने रिश्ते को प्राथमिकता दी.

आध्यात्म की तलाश और घर से दूरी

सब कुछ होते हुए भी विनोद खन्ना के मन में एक खालीपन था. उन्हें लगता था कि शोहरत और पैसा सब कुछ नहीं है. इसी तलाश में वो ओशो के आश्रम से जुड़े और धीरे-धीरे इतने गहरे उतर गए कि एक्टिंग छोड़ अमेरिका चले गए, जहां वो आश्रम के कामकाज संभालते थे. इस दौरान वो फोन पर फैमिली से जुड़े रहते थे, लेकिन बच्चों और पत्नी को उनकी मौजूदगी की ज़रूरत थी. गीतांजली ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी, तो उन्होंने तलाक का फैसला लिया. 1985 में दोनों अलग हो गए.

दूसरी पारी में लौटा प्यार

विनोद खन्ना जब अमेरिका से लौटे, तो करियर और फैमिली दोनों पीछे छूट चुके थे. इंडस्ट्री के दोस्तों ने उन्हें दोबारा अपनाया. 1987 में उनका अमृता सिंह के साथ एक छोटा-सा अफेयर भी हुआ, लेकिन अमृता की मां को रिश्ता मंजूर नहीं था, इसलिए बात आगे नहीं बढ़ी.

फिर 43वें बर्थडे पर उनकी मुलाकात कविता डाफ्टरी से हुई. शुरुआत में कविता को लगा कि विनोद घमंडी हैं, लेकिन एक लंबी ड्राइव ने सब कुछ बदल दिया. धीरे-धीरे दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं और 15 मई 1990 को उन्होंने शादी कर ली. इसके बाद उनके बेटे साक्षी और बेटी श्रद्धा का जन्म हुआ.

विनोद खन्ना माधुरी दीक्षित कंट्रोवर्सी

विनोद खन्ना  (Vinod Khanna) और माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) की फिल्म ‘दयावान (Dayavan)' में एक साथ नजर आए थे. कहा जाता है कि 1988 में रिलीज हुई इस फिल्म में एक किसिंग सीन के दौरान विनोद खन्ना (Vinod Khanna Movies) खुद को रोक नहीं पाए. सीन के बाद भी वह माधुरी (Madhuri Dixit Latest News) को किस करते रहे. डायरेक्टर के बार-बार कट बोलने पर भी वो अपने आप रोक नहीं पाए.

आखिरी वक्त में साथ थी पूरी फैमिली

27 अप्रैल 2017 को विनोद खन्ना का निधन हो गया. वो लंबे वक्त से ब्लैडर कैंसर से जूझ रहे थे. उनके अंतिम समय में उनकी पत्नी कविता और बच्चे उनके साथ थे.

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