सेकेंड वर्ल्ड वॉर पर बेस्ड है विकाश वर्मा की ‘द गुड महाराजा’, फिल्ममेकर बोले- ऐसी मास्टरपीस के लिए रिसर्च जरूरी 

फिल्म 'द गुड महाराजा' में संजय दत्त नवांनगर के महाराजा जाम साहिब के टाइटल रोल में हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
द गुड महाराजा का पोस्टर
नई दिल्ली:

बॉलीवुड फिल्ममेकर विकाश वर्मा अपनी मेगा बजट वाली इंडो-पोलिश फिल्म 'नो मीन्स नो' को लेकर सुर्खियों में हैं. उन्होंने महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा द्वारा 1000 पोलिश बच्चों को बचाने के लिए किए गए युद्ध की दिल छू लेने वाली सच्ची कहानी पर आधारित अपनी अगली फिल्म 'द गुड महाराजा' की प्रिंसिपल फोटोग्राफी शुरू कर दी है. ‘नो मीन्स नो' के बाद यह भारत और पोलैंड का दूसरा मिला-जुला प्रयास होगा, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का गहरा और बेहतर बनना सुनिश्चित है. विकाश का आगे बढ़ कर ऐसा प्रयास करना शोमैन राज कपूर की याद दिलाता है, जिनकी 1970 की फिल्म 'मेरा नाम जोकर', जिसने भारत और सोवियत रूस के बीच के रिश्तों को फिर से मज़बूत कर दिया था.

महाराजा दिग्विजयसिंहजी रंजीतसिंहजी जडेजा की बेटी हर्षद कुमारी का निधन 2 फरवरी, 2022 को हुआ. विकाश ने उनको भरे मन से भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "यह एक युग का अंत है. उन कुछ लोगों में से एक, जो द गुड महाराजा की आत्मा को छू लेने वाले हावभाव को देख चुके थे, स्वर्ग में चले गए. वो चंद ऐसे बचे हुए लोगों में से थीं. जिन्होंने महाराजा साहब के दिल की गहराईयों को छू लेने वाले प्रयासों को देखा था और अब वो दिवंगत हो गयी हैं. मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि जीवन की लंबी यात्रा के बाद उनको मोक्ष प्राप्त हो".

फिल्म 'द गुड महाराजा' में संजय दत्त नवांनगर (अब जामनगर, गुजरात भारत) के महाराजा जाम साहिब के टाइटल रोल में हैं और साथ ही ध्रुव वर्मा एक रूसी स्नाइपर के लीड रोल में हैं. उनके साथ गुलशन ग्रोवर, दीपराज राणा, शरद कपूर और नाज़िया हुसैन जैसे दिग्गज एक्टर्स भी नजर आएंगे. वहीं पोलैंड के टैलेंटेड एक्टर्स एना एडोर, कैट क्रिस्टियन, अन्ना गुज़िक, नतालिया बाक, पावेल चेक, सिल्विया चेक, जेरज़ी हैंडज़लिक और जेसेक बिंदा को भी फिल्म में देखा जाएगा.

Advertisement

बता दें, 400 करोड़ के मेगा बजट के साथ फिल्म का निर्माण किया जा रहा है. फिल्म की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर विकाश ने कहा, “इस तरह की मास्टरपीस कहानी जो दुनिया के इतिहास में एक खास मौके पर रची-बसी हो, तो फिल्म से जुड़े हर एक पक्ष के लिए रिसर्च सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है. चाहे वो स्क्रिप्टिंग हो, डायलॉग्स हों, एक्शन हो, कॉस्ट्यूम आदि हों, दर्शकों के लिए सिनेमा का सबसे प्रामाणिक अनुभव लाने के लिए फिल्म का हर डिपार्टमेंट गहरी रिसर्च करने में लगा हुआ है". वहीं, पोलैंड में भारत के पूर्व राजदूत अजय बिसारिया ने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा, "यह फिल्म दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और दोस्ती को हाईलाइट करती है". 

Advertisement

ये भी देखें: दादा साहेब फाल्‍के अवॉर्ड में कियारा और सिद्धार्थ का स्‍टाइल

Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश