विद्या बालन को अपनी सधी हुई एक्टिंग और प्रणीता, डर्टी पिक्चर और कहानी जैसी फिल्मों में अपने किरदारों के लिए पहचाना जाता है. हाल ही में विद्या बालन फेमिना के कवर पर आई हैं और उन्होंने मैग्जीन के साथ अपनी जिंदगी की कई बातें शेयर की हैं. फिल्म चुनने के बारे में अपने विचार साझा करते हुए, विद्या बालन कहती हैं, 'मैं ऐसी फिल्मों का चयन नहीं करती जिसे हां बोलने के बाद मुझे एहसास हो कि आज मुझे सेट पर नहीं जाना है, यही कारण है कि मैं निर्णय लेने में अपना समय लेती हूं कि मुझे क्या करने का मन है हालांकि फैसला लेना आसान है, लेकिन इसमें भी समय लसगता है. मैं हर दिन अपना काम करने के लिए बाहर जाती हूं तो यही बात मुझे थोड़ी घबराहट में डाल देती है कि मैं अपने काम को हल्के में ना लूं.'
फिल्म के निर्देशक के साथ किसी भूमिका और चरित्र पर चर्चा करने के अपने अनुभव के बारे में विद्या कहती हैं, 'निर्देशकों को लगता है कि चर्चा स्क्रिप्ट पढ़ने के दौरान होगी, लेकिन ऐसा नहीं है, उन्हें आश्चर्य होता है कि मैं क्या प्रश्न पूछूंगी , मैं इसका कोई बौद्धिकरण नहीं करना चाहती, मैं इसे महसूस करना चाहता हूं आखिरकार, मैं उस व्यक्ति के दृष्टिकोण को जीने जा रही हूं, इसलिए मुझे पूरा विश्वास होना चाहिए कि मैं अपने किरदार में पूरी तरह से उतर जाऊं. मुझे उन निर्देशकों के साथ काम करना पसंद है जो मुझे उतना समय देते हैं.'
अपने फैनगर्ल मोमेंट के बारे में विद्या ने खुलासा किया, 'मैं हमेशा मिस्टर बच्चन से प्रभावित रही हूं. मैं अमिताभ बच्चन की फैन बनकर बडी हुई हूं. मेरी मां कहती हैं कि वह प्रार्थना करती थीं कि अमिताभ जी का गाना 'सारा जमाना' चित्रहार और छायागीत पर प्रसारित होता रहे क्योंकि उसे ही देखकर मैं खाना खाती थी. जब वह सेट पर चोट लगने के बाद अस्पताल में थे. तो मैं जाकर उन्हें देखना चाहती थी. उस समय मुझे नहीं पता था कि वास्तव में क्या हुआ था. हर दिन मैं जाने के लिए तैयार हो जाती थी और मेरी मां हर दिन एक नया बहाना बनाकर मुझे बहलाती थी.'