Kamini Kaushal Death: बॉलीवुड की जानी मानी अदाकारा कामिनी कौशल का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है. वहीं हिंदी सिनेमा में दशकों से काम कर रही थीं. सूत्रों की मानें तो कामिनी कौशल की फैमिली लो प्रोफाइल और प्राइवेसी चाहती थीं. 24 फरवरी 1927 में जन्मी कामिनी कौशल 1946 से 1963 तक लीड हीरोइन रहीं. जबकि इसके बाद उन्होंने कई फेमस किरदार पर्दे पर निभाए. उन्हें शहीद, दो रास्ते और प्रेम नगर जैसी फिल्मों के लिए पसंद किया गया था. वहीं सपोर्टिंग रोल में भी उन्होंने फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाई.
कामिनी कौशल का करियर सात दशकों से भी ज्यादा लंबा रहा, जिसकी शुरुआत उन्होंने पहली फिल्म नीचा नगर (1946) से की. इसने पहले कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता और पाल्मे डी'ओर जीतने वाली इकलौती भारतीय फिल्म बनी रही इस फ़िल्म के लिए उन्हें मॉन्ट्रियल फिल्म फेस्टिवल का पुरस्कार भी मिला है, जिसने उन्हें एक प्रतिभाशाली नवोदित एक्ट्रेस के रूप में पहचान दिलाई.
1946 से 1963 तक कामिनी कौशल ने दो भाई (1947), शहीद (1948), नदिया के पार (1948), ज़िद्दी (1948), शबनम (1949), पारस (1949), नमूना (1949), आरजू (1950), झांझर (1953), आबरू (1956), बड़े सरकार (1957), जेलर (1958), नाइट क्लब (1958) और गोदान (1963) जैसी फिल्मों में लीड रोल निभाया. इसके बाद से, उन्होंने कैरेक्टर रोल निभाने शुरू किए और शहीद (1965), दो रास्ते (1969), प्रेम नगर (1974), महा चोर (1976) और अनहोनी (1973) जैसी फिल्मों के लिए आलोचनात्मक तारीफें हासिल की.
कामिनी कौशल का जन्म लाहौर में हुआ था. वहीं उनका असली नाम उमा कश्यप था. वह एक उच्च शिक्षित परिवार से आती थीं उनके पिता, शिवराम कश्यप, एक प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री थे, जिन्होंने लाहौर में वनस्पति विज्ञान विभाग की स्थापना की और भारतीय वैज्ञानिक जगत में एक प्रमुख व्यक्ति थे. कामिनी का बचपन घुड़सवारी, भरतनाट्यम, तैराकी और शिल्पकला सहित कई कौशल सीखने में बीता. कामिनी कौशल आखिरी बार आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा में कैमियो करती हुईं नजर आईं थीं. जबकि उनकी आखिरी फिल्म कबीर सिंह थी, जिसमें उन्होंने शाहिद कपूर की दादी का किरदार निभाया था.