बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में कुछ तारीखें ऐसी होती हैं, जो कभी न भूलने वाली बन जाती हैं. 30 अक्टूबर 2009 ऐसी ही एक तारीख थी, जब दो बड़ी फिल्में रिलीज हुईं और दोनों ही दर्शकों का दिल जीतने में नाकाम रहीं. एक तरफ अमिताभ बच्चन की जादुई दुनिया वाली ‘अलादीन' और दूसरी ओर सलमान खान-अजय देवगन की म्यूजिकल ड्रामा ‘लंदन ड्रीम्स'. ये फिल्में न सिर्फ बजट के मामले में महंगी साबित हुईं, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी बुरी तरह फ्लॉप हो गईं. दोनों की रिलीज ने सितारों की चमक फीकी पड़ गई और उद्योग को बड़ा आर्थिक झटका दिया. आइए, पीछे मुड़कर देखें उस काले दिन की कहानी.
‘अलादीन' एक फैंटेसी एडवेंचर थी, जो क्लासिक अरेबियन नाइट्स के ‘अलादीन और जादुई चिराग' पर आधारित थी. रितेश देशमुख ने अलादीन का किरदार निभाया, जबकि अमिताभ बच्चन ने जीन का मजेदार रोल किया. जैकलीन फर्नांडिस, रितेश देशमुख और अमिताभ की तिकड़ी ने फिल्म को बेहतरीन बनाने की पुरजोर कोशिश की. निर्देशक सुजॉय घोष ने इसमें हॉलीवुड स्टाइल के स्पेशल इफेक्ट्स पर खास जोर दिया. फिल्म का बजट करीब 42 करोड़ रुपये था, जिसमें भारी-भरकम विजुअल इफेक्ट्स और प्रचार पर खर्च हुआ. लेकिन रिलीज के बाद जो हुआ, वो सबके होश उड़ा गया.
ओपनिंग वीकेंड में ‘अलादीन' ने महज 2.93 करोड़ रुपये कमाए, जबकि पहले हफ्ते में कुल 4.69 करोड़ ही जमा हो सके. लाइफटाइम नेट कलेक्शन भारत में 5-6 करोड़ के आसपास रहा, जो बजट का महज 15 प्रतिशत था. बॉक्स ऑफिस इंडिया और बॉलीवुड हंगामा के आंकड़ों के मुताबिक, ये 2009 की सबसे बड़ी डिजास्टर साबित हुई. फिल्म ने कुल 10.89 करोड़ रुपये का ही कलेक्शन किया.
दूसरी फिल्म ‘लंदन ड्रीम्स' थी, जो विपुल शाह का प्रोजेक्ट थी. फिल्म सलमान खान और अजय देवगन नजर आए. फिल्म में असिन भी थी. फिल्म का बजट लगभग 45 करोड़ रुपये था, जिसमें लंदन की शूटिंग, इंटरनेशनल लोकेशन्स और शानदार म्यूजिक पर खूब पैसे खर्च किया गया. म्यूजिक शंकर-एहसान-लॉय का था.
लेकिन रिलीज पर फिल्म फुस्स रही. ओपनिंग वीकेंड में 14.60 करोड़ तो जमा हुए, लेकिन पहले हफ्ते में कुल 23.36 करोड़ ही पहुंचे. लाइफटाइम नेट कलेक्शन भारत में 26-28 करोड़ रहा, जबकि वर्ल्डवाइड ग्रॉस 41 करोड़ के आसपास. इस तरह फिल्म अपना बजट भी नहीं निकाल सकी और साल की सबसे बड़ी डिजास्टर में से एक रही.
इस तरह साल 2009 में दिग्गज सितारे भी फिल्मों को नहीं बचा सके थे. इन दोनों फिल्मों ने ये साबित किया कि अगर कॉन्टेंट में दम नहीं होगा तो सितारों के दम पर फिल्म को नहीं चलाया जा सकता.
 
 
  
  
  
 