सिंगल पैरेंटिंग को लेकर बोले तुषार कपूर, बेटे लक्ष्य के आने के बाद मेरी लाइफ खुशियों से भर गई है 

तुषार कपूर सिंगल फादर हैं और अपने बेटे के साथ बेहद खुश हैं. तुषार को आखिरी बार सिम्बा के गाने "आंख मारे" में कैमियो में देखा गया था. अब वह अपनी फिल्म मारीच के ओटीटी रिलीज का इंतजार कर रहे हैं. यह एक मर्डर मिस्ट्री फिल्म है.

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नई दिल्ली:

तुषार कपूर सिंगल फादर (Tusshar Kapoor Single Dad) हैं और अपने बेटे लक्ष्य कपूर ( Laksshya Kapoor) के साथ बेहद खुश हैं. तुषार ने एक कॉमेडी एक्टर के तौर पर कई अच्छी फिल्में की, उनका कहना है कि यह अच्छा अनुभव रहा, लेकिन मैं इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहा हूं. तुषार को आखिरी बार सिम्बा के गाने "आंख मारे" में कैमियो में देखा गया था. उन्होंने कहा कि कोरोना का कारण उनके कई प्रोजेक्ट्स में देर हुआ और अब वह अपनी फिल्म मारीच के ओटीटी रिलीज का इंतजार कर रहे हैं. मारीच में तुषार एक एक पुलिस वाले के रोल में हैं. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि गोलमाल 5 को 2021 में फ्लोर पर आ जाना था, लेकिन कोविड -19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया. लेकिन अब जल्द ही इस पर भी काम होने की उम्मीद है. 

तुषार कपूर ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 2001 में फिल्म मुझे कुछ कहना है से की थी. वह बॉलीवुड एक्टर जितेंद्र के बेटे हैं, फिर भी उन्होंने अपना रास्ता खुद बनाया. वह गोलमाल, खाकी, शोर इन द सिटी और डर्टी पिक्चर जैसी फिल्मों में नजर आए थे. 

तुषार 2016 में सरोगेसी के जरिए पिता बने और उनके इस फैसले ने लोगों को चौंका दिया था. यह पारंपरिक तरीकों से बेहद अलग था. वह कहते हैं कि मैंने मानदंड तोड़ा और मुझे अपनी यात्रा पर गर्व है. मेरी इस यात्रा में डॉक्टर्स, फैमिली और फ्रेंड्स ने काफी साथ दिया. मैं अपने  बेटे के साथ बेहद खुश हूं. तुषार कहते हैं कि बेटे लक्ष्य कपूर के आने के बाद वह खुद को पहले से ज्यादा शांत, खुश और पॉजिटिव महसूस करते हैं. वह कहते हैं कि मैं उनके कमरे में बैठता हूं, उनके साथ खेलता हूं, तब बहुत शांत और आराम महसूस करता हूं. पेरेंटिंग बेहद मज़ेदार अनुभव है. 

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वह कहते हैं कि उनके पिता जितेंद्र एक अच्छे पिता रहे हैं. वह बेहद शांत और सहज  हैं. वह हम पर कभी चिल्लाते नहीं थे, उनकी तुलना में मां सख्त थीं. मुझे अपने बेटे के साथ भी सख्त होना पसंद नहीं है. कभी-कभी मैं हाइपर हो जाता हूं,लेकिन इस पर नियंत्रण रखना पड़ता है. मैं अपने बेटे के सामने खुद को एक धैर्यवान पिता के रूप में पेश करना चाहता हूं. 

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उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तक 'बैचलर डैड' उनकी उस यात्रा के बारे में है, जब उन्होंने पिता बनने का फैसला किया. उन्होंने शेयर किया कि अगर मैं शादीशुदा नहीं हूं, या जल्दी शादी करने की प्लानिंग नहीं थी तो मेरे पास सरोगेसी के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. इस बुक को लिखने का पूरा विचार मेरे बेटे के साथ मेरी पूरी जर्नी के बारे में है.

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तुषार की बुक ऑडियो में भी है. इसे अपना फादर्स डे का तोहफा बताते हुए उन्होंने कहा, ऑडियोबुक जारी करने का यह अनुभव किसी फिल्म को रिलीज करने से ज्यादा खुशी देने वाला है. आप इसे कभी भी, कहीं भी सुन सकते हैं.  इस तरह मेरी किताब अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगी. 

 

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