बम्बई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी को अपने दो नाबालिग बच्चों से संबंधित मतभेदों को हल करने की कोशिश करने का सुझाव दिया. सिद्दीकी ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर अलग रह रही अपनी पत्नी जैनब को इस बारे में जानकारी देने का निर्देश दिये जाने का अनुरोध किया था कि उनकी 12 वर्षीय बेटी और सात वर्षीय बेटा कहां हैं. न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी और न्यायमूर्ति पी. डी. नाइक की एक खंडपीठ ने अभिनेता और उनकी पत्नी को बच्चों के संबंध में अपने मतभेदों को हल करने की कोशिश करने के लिए कहा है.
अदालत ने कहा, ‘‘वह (सिद्दीकी) केवल अपने बच्चों और उनकी शिक्षा के बारे में चिंतित हैं. एक दूसरे के साथ बात करें. यदि यह काम किया जा सकता है तो अच्छा होगा कि मामले को सौहार्दपूर्वक निपटा लिया जाये.''सिद्दीकी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रदीप थोराट ने अदालत को बताया कि अभिनेता को इस बारे में जानकारी नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं. थोराट ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (सिद्दीकी) ने सोचा कि उनके बच्चे दुबई में हैं. लेकिन उन्हें अब बच्चों के स्कूल से एक मेल मिला है कि वे अपनी कक्षाओं में नहीं जा रहे हैं.''
उन्होंने कहा कि अभिनेता की पत्नी नवंबर 2022 में बच्चों के बिना दुबई से भारत आई थी. उन्होंने बताया कि महिला और उसके बच्चे दुबई के स्थायी निवासी हैं. पीठ ने जैनब के वकील रिजवान सिद्दीकी से पूछा है कि अभिनेता के बच्चे कहां हैं. रिजवान सिद्दीकी ने अदालत को बताया कि बच्चे अपनी जैविक मां के साथ हैं और वे दुबई वापस नहीं जाना चाहते हैं. वकील ने कहा, ‘‘दोनों बच्चे अपनी मां के साथ भारत में रहना चाहते हैं. वे यहां अपनी शिक्षा जारी रखना चाहते हैं.'' पीठ ने तब अभिनेता की पत्नी से अगले सप्ताह तक अदालत को इस बारे में बताने को कहा कि उन्होंने बच्चों की शिक्षा के संबंध में क्या तय किया है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि तीन मार्च तय की.