बॉलीवुड की वो एक्ट्रेसेस जो अपने किरदार से बनी पॉपुलर मदर्स, आज भी किया जाता है याद

बॉलीवुड में रिश्तों के ताने-बाने में उलझी मानवीय संवेदनाओं को हमेशा से अहमियत दी जाती रही है. ऐसे में फिल्मों में मां का किरदार काफी अहम रहा है. आइए जानते हैं वो कौन सी अभिनेत्रियां है जिन्होंने फिल्मी पर्दे पर मां के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. 

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वे अभिनेत्रियां जिन्होंने मां के रोल में बनाई अपनी मुकम्मल पहचान
नई दिल्ली:

मां को याद करने के लिए किसी एक खास दिन की जरूरत नहीं होती है. वे हमेशा ही हमारी लाइफ की फिल्म में लीड रोल में रहती हैं. वहीं हम आज बात करने जा रहे हैं बॉलीवुड की उन मदर्स की जिन्होंने मां के साथ ही कई किरदारों को अपने अंदर समेटा है और आपना नाम कमाया है. आइए जानते हैं वो कौन सी अभिनेत्रियां है जिन्होंने फिल्मी पर्दे पर मां के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है.

निरूपा रॉय

'मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बिल्डिंगे हैं, प्रॉपर्टी है... तुम्हारे पास क्या है...?' इस डायलॉग के जवाब में शशि कपूर कहते हैं- 'मेरे पास मां है'. ये डायलॉग सैकड़ों-हजारों बार आज भी दोहराया जाता है. फिल्म दीवार में शशि कपूर और अमिताभ की मां की भूमिका निभाई थी निरूपा रॉय ने. निरूपा रॉय महानायक अमिताभ बच्चन की ऑनस्क्रीन मां के रूप में सबसे ज्यादा दिखाई दी. अमर-अकबर-एंथोनी, सुहाग, मुकद्दर का सिकंदर, मर्द जैसी कई हिट फिल्मों में मां के रूप में अपना काम ऐसा थी कि वे भारतीय मां के आदर्श रूप की पहचान ही बन गईं थी.

दुर्गा खोटे

मुगले आजम में सलीम बने दिलीप कुमार की मां हो या फिर कर्ज के मोंटी यानि ऋषि कपूर की मां का किरदार हो या फिर अभिमान में अमिताभ के किरदार सुबीर की दुर्गा मौसी हो. दुर्गा खोटे के चेहरे पर ममता और स्नेह के वे भाव साफ नजर आते थे जो किसी मां में अपने बच्चों के लिए ही नजर आते हैं. कोई ताज्जुब नहीं कि दुर्गा खोटे भारतीय सिनेमा की सबसे लोकप्रिय मांओं में से एक हैं. 

ललिता पवार

मां हमेशा स्नेहिल और ममता से भरी होती है, लेकिन कई बार वह सख्त और अनुशासन प्रिय भी होती है. जब-जब फिल्मकारों को ऐसी मां की जरूरत पड़ी तो शायद सबसे ज्यादा ललिता पवार को याद किया गया. शम्मी कपूर जैसे सुपरस्टार की गुस्से वाली मां से लेकर राज कपूर के साथ मिसेस डीजा का मदरली कैरेक्टर उन्होंने बखूबी निभाया. मशहूर गीत- 'दादी अम्मा, दादी अम्मा.. मान जाओ..' में उनके गुस्से और प्यार दोनों के एक्सप्रेशन एक साथ देखे जा सकते हैं. 

दीना पाठक

'गोलमाल' जैसी कॉमेडी फिल्म में अमोल पालेकर की नकली मां बनकर कॉमेडी करना हो या फिर 'खूबसूरत'' जैसी फिल्म में पूरे परिवार को अपने अनुशासन के डंडे से चलाने वाली सख्त मां का रोल हो, दीना पाठक हर रोल में फिट थीं. चितचोर, किताब, ड्रीम गर्ल, थोड़ी सी बेवफाई, झूठी, आंखें, याराना जैसी कई फिल्मों में उन्होंने  मां का किरदार पूरी शिद्दत के साथ निभाया

रीमा लागू

जिस तरह से निरूपा रॉय की पहचान महानायक अमिताभ की ऑनस्क्रीन मां के रूप में बन गई थी, कुछ वैसा ही रीमा लागू के साथ भी हुआ. सलमान खान के साथ उन्होंने कई फिल्में की और वे सलमान की ऑनस्क्रीन मां बन बैठीं. मैने प्यार किया, साजन, हम साथ-साथ हैं में सलमान की मां बनीं. इसके अलावा हम आपके हैं कौन, रंगीला, कुछ-कुछ होता है, कल हो ना हो जैसी कई फिल्मों ने ऑनस्क्रीन मां के रूप में इनकी मुकम्मल पहचान बनाई.

पर्दे पर हंसाने वाली मांएं

मां हमेशा स्क्रीन पर रोए-धोए ये जरूरी तो नहीं. कई बार मां कॉमेडी भी कर सकती है फरीदा जलाल, किरण खेर, रत्ना पाठक, हिमानी शिवपुरी, जरीना वहाब, स्मिता जयकर, सुप्रिया पाठक ये कुछ ऐसी माताएं हैं जिन्होंने अपनी ममता लुटाने के साथ-साथ हंसी मजाक करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. फिलहाल बॉलीवुड में मां के रोल में इन्ही की तूती बोल रही है. 

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