बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों में पहले हीरो हीरोइन के साथ एक अदद विलेन जरूरी माना जाता था. लेकिन 40 और 50 के दशक में एक विलेन ने बॉलीवुड में इस कदर कब्जा कर लिया था कि लगभग हर फिल्म में वही विलेन के रूप में दिखता था. इसके शातिर चेहरे पर आते भाव हीरोइनों को सिहरा देते थे. ये विलेन खलनायिकी के साथ साथ कई सारी हिट हिट फिल्मों में कैरेक्टर एक्टर के तौर पर दिखा और हीरो के सामने बाजी मार ले गया. इस खलनायक को अगर आप पहचान नहीं पा रहे हैं तो आपको चालीस औऱ पचास के दशक की फिल्मों को याद करने की जरूरत है. साड़ी में लिपटी इस औरत के भेष में दरअसल वही खतरनाक विलेन छिपा है.
कौन है ये खूबसूरत औरत
अगर आप अब भी पहचान नहीं पा रहे हैं तो चलिए हम आपकी मदद कर देते हैं. साड़ी में लिपटी खूबसूरत औरत दरअसल बॉलीवुड के शानदार विलेन प्राण साहब हैं. जी हां वही प्राण साहब जो आपको सदाबहार फिल्मों में दिखाई देते हैं. अपनी दमदार आवाज और तीखी नजर से सबको भेदते हुए. एक वक्त था जब पर्दे पर उनकी कुटिल हंसी और घूरती आंखें देखकर लोग डर जाया करते थे. उनके दौर में लोगों ने अपने बच्चों के नाम प्राण रखने बंद कर दिए थे. उस वक्त प्राण साहब की खलनायिकी इस कदर हिट थी कि हीरो उनके साथ फिल्म करने से कतराने लगे थे. जंजीर, डॉन, राम और श्याम, कश्मीर की कली,बॉबी, कालिया, उपकार, शराबी और मिलन जैसी सुपर डुपर हिट फिल्मों के जरिए प्राण साहब ने अपनी शानदार एक्टिंग से सबको हैरान कर डाला था.
इस तरह मिली बॉलीवुड में एंट्री
कहते हैं कि प्राण साहब की पान औऱ सिगरेट की लत ने ही उनको बॉलीवुड की राह दिखाई. दरअसल प्राण साहब एक पान की दुकान पर पान खाने जाया करते थे. यहीं पर मशहूर फिल्म राइटर वली मोहम्मद भी आते थे. उन्होंने प्राण को देखा और उनको प्राण का चेहरा अपनी फिल्म में विलेन के लिए भा गया. उन्होंने वहीं पर प्राण को मिलने आने के लिए कहा. लेकिन प्राण ने उस वक्त उनको खास तवज्जो नहीं दी. कुछ दिन बाद वली मोहम्मद खुद प्राण साहब से मिलने पहुंचे और कहा कि वो उनसे मिलने क्यों नहीं आए. प्राण साहब ने उनसे पूछा कि क्या वजह है तो वली मोहम्मद ने कहा कि मेरी फिल्म में काम करोगे? काफी मनाने के बाद आखिरकार प्राण साहब ने हां कर दी और इस तरह वली मोहम्मद की फिल्म यमला जट के जरिए प्राण साहब ने हिंदी फिल्मों में आगाज किया.
जितना हिट हुए उतनी ही नफरत मिली
प्राण साहब जब बंटवारे के बाद मुंबई गए तो वहां कुछ दिन तंगी में गुजारने के बाद उनको जिद्दी फिल्म का ऑफर मिला. इसमें उनके साथ देव आनन्द थे. फिल्म भी हिट रही और प्राण साहब को ढेरो ऑफर मिलने लगे. लेकिन एक तरफ जहां उनकी सक्सेस बढ़ रही थी वहीं लोग उनके विलेन के किरदार से नफरत करने लगे थे. वो अपनी एक्टिंग में इतना डूब जाते थे कि लोग उनको सड़क पर देखकर गुंडा और लफंगा तक कहने लगे थे. ये प्राण साहब का खौफ ही था कि महंगे सितारे उनके साथ फिल्म करने से डरने लगे थे. उस दौर में जहां एक खूंखार खलनायक के दौर में प्राण साहब ने जान फूंक दी वहीं उनके कई कैरेक्टर रोल आज भी याद किए जाते हैं.