फिल्म की सफलता पर सबसे ज्यादा क्रेडिट एक्टर और एक्ट्रेस बटोरते हैं क्योंकि लोगों को पर्दे पर उन्हीं का काम दिखाया जाता है. जबकि फिल्में बनाना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें सैकड़ों लोगों की मेहनत लगती है. फिल्म जब रिलीज होती है तो एक्टर-एक्ट्रेस का करियर ग्राफ तो वहीं प्रोड्यूसर्स का पैसा दांव पर लगा होता है. दर्शकों ने अच्छा रिस्पांस दिया तो बल्ले-बल्ले नहीं तो बेड़ा गर्क. कई फिल्में तो इस कदर फ्लॉप होती है कि अपनी लागत भी नहीं वसूल पातीं.
छोटी-मोटी बजट की फिल्में अगर फ्लॉप भी हो जाए तो प्रोड्यूसर्स को ज्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़ता है, वहीं बिग बजट की फिल्में अगर लागत भी न वसूल पाए तो परेशानी का सबब बन जाती है. ऐसी ही एक हॉलीवुड फिल्म है जॉन कार्टर. बिग बजट में बनी यह फिल्म अपना लागत भी नहीं वसूल पाई और तो और सबसे ज्यादा पैसे डुबाने वाली फिल्म के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हो गई है.
सबसे महंगी फिल्मों में से एक
दिलचस्प बात यह है कि साल 2012 में रिलीज हुई जॉन कार्टर सबसे ज्यादा लागत वाली फिल्मों में से एक है. इस फिल्म को बनाने के लिए मेकर्स ने करीब 450 मिलियन डॉलर खर्च किए थे. हालांकि, अब इस फिल्म को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की वेबसाइट पर 'मोस्ट मनी लॉस्ट बाय ए फिल्म' के तौर पर पहचान मिली है. इससे पहले यह तमगा 1995 में रिलीज हुई फिल्म कटथ्रॉट आईलैंड के पास था. गिनीज के मुताबिक, जॉन कार्टर के मेकर्स को फिल्म के चलते करीब 16 करोड़ डॉलर्स का नुकसान झेलना पड़ा था.
नोवल से प्रेरित थी फिल्म की कहानी
फ्लॉप मूवी जॉन कार्टर की कहानी 1912 की एक पुरानी नोवल 'ए प्रिंसेज ऑफ मार्स' पर आधारित है. इस फिल्म को फाइंडिंग डोरी और वॉल ई जैसी फिल्में दे चुके एंड्रयू स्टैंटन ने निर्देशित किया था. वहीं लीड रोल की बात करें तो लिन कोलिन्स, सामंथा मॉडर्न, सियारन हिंड्स और मार्क स्ट्रॉन्ग जैसे सितारों ने फिल्म में अहम भूमिकाएं निभाई थी.
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