इंडियन सिनेमा में कई ऐसे स्टार्स रहे हैं, जिन्होंने फर्श से अर्श का सफर तय किया है. कुछ ऐसे भी एक्टर्स हैं, जो अर्श से फर्श पर आकर गिरे हैं. कइयों के पास तो जिंदगी के आखिरी पलों में इलाज करवाने के पैसे भी नहीं थे. कई स्टार जो रातोंरात स्टार तो बन गए, लेकिन अपनी सक्सेस को मैनेज नहीं कर पाए और देखते ही देखते सड़क पर आ गए. इन्हीं एक्टर्स में से एके थे 40 और 50 के दशक में अपनी एक्टिंग से लोगों को गुदगुदाने वाले एक्टर भगवान दादा, जो बॉलीवुड के भगवान कहे जाते थे. भगवान दादा फिल्म इंडस्ट्री के वो एक्टर थे, जो रातोंरात स्टार बने और फिर देखते ही देखते कंगाल हो गये.
एक्टर के पास था आलीशान बंगला और 7 कार
जिस दौर में लोगों के पास फिल्म देखने के लिए टीवी नहीं था, उस समय भगवान दादा के पास 25 कमरे वाले बंगला और सात लग्जरी कार थी. उनका जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था. उनके पिता एक कपड़े की फैक्ट्री में मजदूरी किया करते थे. खुद भगवान दादा ने भी पिता के साथ इस फैक्ट्री में मजदूरी की थी. उनका सपना एक एक्टर बनने का था. उन्होंने फिल्म क्रिमिनल से बॉलीवुड डेब्यू किया था. एक्टर से वह डायरेक्टर और फिर प्रोड्यूसर भी बन गए थे. उन्होंने साल 1951 में आई फिल्म अलबेला डायरेक्ट की थी और फिल्म में वह खुद भी थे. उन्होंने तमिल सिनेमा में भी फिल्में बनाई थीं.
देखते ही देखते सड़क पर आई जिंदगी
फिल्मों में हिट होने के बाद भगवान दादा के पास दौलत बरसने लगी. सबसे पहले उन्होंने मुंबई में 25 रूम वाला एक आलीशान बंगला खरीदा और फिर लग्जरी कारों का ढेर लगा दिया. किशोर कुमार के साथ फिल्म हंसते रहना जब बीच में ही बंद हो गई तो उन्हें अपनी कुछ प्रॉपर्टी बेचनी पड़ गई और फिर धीरे-धीरे वह कर्ज में डूबते चले गए. मौत से पहले उनके हाथ से सारी जायदाद निकल चुकी थी और उनकी मौत 2002 में 88 साल की उम्र में एक चॉल में हुई थी. उनकी हिट फिल्मों में जादुई कालीन, भागम भाग और छैला बाबू शामिल है.