पहली कमाई बड़ी ही खास होती है. हर बच्चे और उसकी मां का सपना. बच्चा चाहता है कि वह अपनी पहली कमाई मां के हाथ में रखे. वहीं मां की चाहत होती है कि वह बच्चे को कामयाब होता देखा. आज हम आपको मां और बेटे की एक ऐसी ही जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने साथ में बहुत संघर्ष देखे और आज वो बेटा कामयाबी की बुलंदियों पर है. हम बात कर रहे हैं गणेश आचार्य और उनकी मां पुष्पा की. गणेश ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया था कि उनकी पहली सैलरी क्या थी और किस तरह उसे बचाते हुए वो अपनी मां के पास लेकर गए थे.
जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर किया था काम
गणेश ने बताया कि उनके शहर में कोई शूटिंग हो रही थी वहां बहुत से जूनियर आर्टिस्ट की जरूरत थी. ऐसे में गणेश भी वहां पहुंच गए. पूरा दिन वहां काम किया और आखिर में पैसे के लिए लाइन लगी. गणेश में बारिश में भीगते हुए लाइन में लग गए. दिनभर की मेहनत और मशक्कत के बाद गणेश के हाथ में वो कमाई का पहला नोट आया और वो उसे भीगने से बचाते हुए सीधे मां के पास पहुंचे. गणेश की ये पहली कमाई 10 रुपये थी. अपनी जिंदगी की इस घटना के बारे में बात करते हुए गणेश थोड़े भावुक नजर आए. आज वो अपनी सफलता का क्रेडिट अपनी मां को और अपनी पत्नी विधि को देते हैं. गणेश ने अपने हाथ पर 'आई' टैटू भी करवा रखा है. मराठी में आई का मतलब मां होता है.