1000 करोड़ क्लब भारतीय सिनेमा में नया 100 करोड़ क्लब बन चुका है. कुछ साल पहले तक किसी फिल्म की सफलता के लिए 100 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन काफी अच्छा माना जाता था. लेकिन अब फिल्मों का प्रोडक्शन बजट 200 करोड़ रुपये से ज्यादा रहने लगा है इसलिए 100 करोड़ रुपये का कलेक्शन अब कुछ खास मायने नहीं रखता. क्योंकि मुनाफा तो निकलता ही नहीं. अब फोकस दुनिया भर में नेट नहीं तो कम से कम 1000 करोड़ रुपये के पार जाना रहता है. यह सब सिर्फ सात साल पहले शुरू हुआ था और उस फिल्म को लीड एक शानदार महिला स्टार ने किया था.
1000 करोड़ की ब्लॉकबस्टर देने वाली पहली भारतीय एक्ट्रेस
जून 2017 में पहली बार किसी भारतीय फिल्म ने दुनिया भर में 1000 करोड़ रुपये की कमाई का आंकड़ा पार किया था. यह फिल्म एसएस राजामौली की 'बाहुबली: द कन्क्लूजन थी' जो बाहुबली सीरीज का दूसरा पार्ट थी. फिल्म ने दुनिया भर में 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की और यहां तक कि डोमेस्टिक कलेक्शन में 1000 करोड़ रुपये को भी पार कर लिया. ऐसा अब तक किसी दूसरी भारतीय फिल्म ने नहीं किया है. जबकि इसमें कई लीड स्टार्स की टोली थी लेकिन फिल्म को लीड राम्या कृष्णन ने किया था. उनके रानी शिवगामी के रोल ने फैन्स और क्रिटिक्स को बेहद इंप्रेस किया था.
राम्या कृष्णन का फिल्मी सफर
1970 में मद्रास में जन्मी राम्या ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 13 साल की उम्र में मलयालम फिल्म नेरम पुलरुम्बोल से की. यह फिल्म 1986 में देरी से रिलीज हुई. इससे पहले उनकी पहली रिलीज तमिल फिल्म वेल्लई मनसु थी. उन्होंने कई सपोर्टिंग रोल निभाए और यहां तक कि कमल हासन की पेर सोलम पिल्लई में एक एक्स्ट्रा का रोल भी निभाया. 1989 में आखिरकार उन्हें तेलुगु हिट सूत्रधारुलु से सफलता मिली. इसके बाद 90 के दशक में कई हिट फिल्में आईं. इन फिल्मों ने उन्हें इंडस्ट्री में टॉप हीरोइन्स के तौर पर सेट किया. राम्या ने 1993 में यश चोपड़ा की फिल्म परंपरा से बॉलीवुड में डेब्यू किया और चाहत, बनारसी बाबू और बड़े मियां छोटे मियां जैसी फिल्मों में नजर आईं. उन्होंने 2000 के दशक में पदयप्पा जैसी तमिल हिट फिल्मों में काम किया. बाहुबली फिल्मों (2015-17) के साथ अपनी सक्सेस के बाद उन्होंने 2019 में एमएक्स प्लेयर की क्वीन के साथ अपना ओटीटी डेब्यू किया.